यह है मामला
कटनी की तिखुरी थाने के तहत रहने वाली मालती बाई माता-पिता के साथ रहती थी। भाभी सुदामा बाई से उसने बच्चे के इलाज के लिए सौ रुपए उधार लिए थे। 23 अप्रैल 1989 को घर के सभी लोग टीवी पर महाभारत सीरियल देख रहे थे। उसी समय भाभी सुदामा बाई ने उससे अपने रुपए वापस मांगे। मालती ने न होने की बात की तो सुदामा बाई ने उसे चप्पलों से पीटा। इस पर भी जी नहीं भरा, तो उसने मालती पर केरोसिन उड़ेलकर जलती माचिस की तीली फेंक दी।
कटनी की तिखुरी थाने के तहत रहने वाली मालती बाई माता-पिता के साथ रहती थी। भाभी सुदामा बाई से उसने बच्चे के इलाज के लिए सौ रुपए उधार लिए थे। 23 अप्रैल 1989 को घर के सभी लोग टीवी पर महाभारत सीरियल देख रहे थे। उसी समय भाभी सुदामा बाई ने उससे अपने रुपए वापस मांगे। मालती ने न होने की बात की तो सुदामा बाई ने उसे चप्पलों से पीटा। इस पर भी जी नहीं भरा, तो उसने मालती पर केरोसिन उड़ेलकर जलती माचिस की तीली फेंक दी।
मरने से पहले खुद लिखाई रिपोर्ट
शोर सुनकर आए परिजन मालती को बुरी तरह जली हालत में पहले पुलिस थाने ले गए। जहां मालती से खुद अपने साथ घटित वारदात की सूचना दर्ज कराई। वहां से उसे कटनी जिला अस्पताल भेजा गया। जहां मालती ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने मृत्युपूर्व बयान में भी सुदामा बाई पर आरोप लगाया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अदालत में पेश किया। मुड़वारा कटनी एडीजे की अदालत ने 17 नवम्बर 1995 को फैसला सुनाते हुए आरोपित सुदामा बाई को हत्या का दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के खिलाफ सुदामा बाई ने ये अपील की थी। उसे 1996 में जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए गए थे।
शोर सुनकर आए परिजन मालती को बुरी तरह जली हालत में पहले पुलिस थाने ले गए। जहां मालती से खुद अपने साथ घटित वारदात की सूचना दर्ज कराई। वहां से उसे कटनी जिला अस्पताल भेजा गया। जहां मालती ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने मृत्युपूर्व बयान में भी सुदामा बाई पर आरोप लगाया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अदालत में पेश किया। मुड़वारा कटनी एडीजे की अदालत ने 17 नवम्बर 1995 को फैसला सुनाते हुए आरोपित सुदामा बाई को हत्या का दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के खिलाफ सुदामा बाई ने ये अपील की थी। उसे 1996 में जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए गए थे।
फैसले के मुख्य बिंदु
– मृतका ने दो बार दिए मृत्युपूर्व बयान में सुदामा बाई को दोषी बताया।
– डॉक्टर के अनुसार बयान देने से पहले मृतका मानसिक रूप से स्वस्थ पाई गई थी।
– सभी चश्मदीद गवाह आरोपित के परिवार वाले थे, जिन्होंने उसे बचाने की गरज से कोर्ट में झूठ बोला।
– मौके की जांच करनेवाले पुलिसकर्मी के अनुसार मृतका के कपड़ों और शरीर से मिट्टी तेल की बूआ रही थी।
– मृतका ने दो बार दिए मृत्युपूर्व बयान में सुदामा बाई को दोषी बताया।
– डॉक्टर के अनुसार बयान देने से पहले मृतका मानसिक रूप से स्वस्थ पाई गई थी।
– सभी चश्मदीद गवाह आरोपित के परिवार वाले थे, जिन्होंने उसे बचाने की गरज से कोर्ट में झूठ बोला।
– मौके की जांच करनेवाले पुलिसकर्मी के अनुसार मृतका के कपड़ों और शरीर से मिट्टी तेल की बूआ रही थी।