जबलपुर

यहां चलित पुस्तकालय बिखेर रहा ज्ञान की रोशनी

देश में पहला प्रयोग, अब शुरू होगी अन्य जगहों पर यह सेवा
 

जबलपुरNov 17, 2019 / 01:14 pm

manoj Verma

चलित पुस्तकालय का देश में पहला प्रयोग

जबलपुर । डिजीटल दौर में अभी भी पुस्तकें चलन में हैं। पुस्तकें पढऩे का एेसा जुनून लोगों में छाया हुआ है कि वे अभी भी पुस्तकें ढूूंढकर पढ़ते हैं। लोगों के जुनून और भावी पीढ़ी को बेहतर ज्ञान देने के उद्देश्य को लेकर देश में यह पहला प्रयोग किया गया है, जिसमें विचार मंथन चलित पुस्तकालय नि:शुल्क शुरू किया है। इस पुस्तकालय में साहित्य पढऩे के शौकीन पहंच रहे हैं, जो युवा विकास से लेकर वैश्विक मूल्यों पर आधारित पुस्तकों से ज्ञान अर्जन कर रहे हैं। चलित पुस्तकालय की भावी योजना यह भी है कि वे आने वाले समय में बच्चों की स्कूली शिक्षा से संबंधित पुस्तकों को भी शामिल कर सकेंगे।
अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुडऩे के बाद एनटीपीसी के जूनियर इंजीनियर सुनील मालवीय ने विचार मंथन चलित पुस्तकालय शुरू किया है। इस पुस्तकालय का मुख्य उद्देश्य युवाओं को जोड़कर उनकी विचारधारा बदलना। बढ़ते दौर में युवाओं को आध्यात्म से जोडऩे और शांति मार्ग की आेर अग्रसर करना है। इसके लिए शहर की तीन जगहों को चिन्हित किया है। नियत समय पर यहां कैनोपी पर पुस्तकों को लगाया जाता है। करीब दो घंटे के अंतराल में इन पुस्तकों का आम जनता के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है। विजयनगर की कचनार कॉलोनी, कछपुरा ब्रिज और भंवरताल पार्क के समीप इसे अलग-अलग दिवसों में शाम ६.३० बजे से दो घंटे के लिए लगाया जाता है।
ये है प्रक्रिया
इस पुस्तकालय का अध्ययन मूलत: लोग वहीं करते हैं। पुस्तकालय लगने वाली जगह पर आमतौर पर उद्यान होने की वजह से लोगों को बैठने में असुविधा नहीं होती है। पुस्तकालय से किसी पुस्तक को लोग आवंटित भी करवा रहे हैं। इसके लिए आवंटित करवाने वाले व्यक्ति को पुस्तक का मूल्य जमा करना होता है। पुस्तक वापस करने के दौरान उसे जमा की गई पूरी राशि लौटा दी जाती है। इसमें लोगों को यह सुविधा दी गई है कि वे तीनों सेंटरों में कहीं पर भी जाकर इसे वापस कर सकते हैं।
ये हैं पुस्तकें
महापुरूषों के लिए, परिवार निर्माण के लिए, व्यक्तित्व विकास के लिए, विद्यार्थियों के लिए, बाल निर्माण के लिए, स्वास्थ्य के लिए, गायत्री साधना के लिए, नारी जागरण के लिए विषयों पर कैडरवार पुस्तकें उपलब्ध हैं। इन पुस्तकों को क्रमश: लगाया जाता है।
३२०० पुस्तकें शामिल
पुस्तक लायब्रेरी में करीब 3200 पुस्तकें शामिल की जा सकेंगी। मौजूदा हालात में कचनार सिटी सेंटर में करीब दो वर्ष के भीतर 826 लोगों ने पुस्तके आवंटित करवाई हैं। इसी तरह 92 हफ्ते में कछपुरा सेंटर पर 600 प्रकार की पुस्तकों का प्रदर्शन किया जा रहा है। पुस्तकों की मांगों के अनुरूप पुस्तकें बढ़ाई जा रही हैं।
एक नजर
बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए विचार बदलना
पुस्तक के ज्ञान से लोगों के समभाव लाना
स्वच्छंद वातावरण बनाने का प्रयास
युवाओं में एकाग्रपन और स्मरण शक्ति बढ़ाना
नारियों में जागरूकता लाने की कोशिश
हम नौकरी करते हैं लेकिन इसके साथ मैं और मेरे साथी चलित पुस्तकालय में मदद कर रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी में बेहतर विचारों का उदय हो। यह पुस्तकालय सभी की मदद से चल रहा है।
सुनील मालवीय, विचार मंथन चलित पुस्तकालय
बेहतर साहित्य उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। इस कार्य के लिए युवा आगे आए हैं। जबलपुर से इसकी पहल की गई है, हमारी कोशिश है कि अन्य जिलों में भी स्थान तय किया जाएगा, जहां इन साहित्यों को वहां भी लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
देवेन्द्र श्रीवास्तव, अभियान प्रभारी, अखिल विश्व गायत्री परिवार

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