कस्टम की आड़ में झटकी रकम विजय नगर, जबलपुर निवासी अनुभा महेश्वरी ने फोरम में परिवाद दायर कर कहा कि उनके बेटे को लिम्फोमा कैंसर है। उसका इलाज शहर के मार्बल सिटी हॉस्पिटल में चल रहा है। डॉ.रोशनी भागवत पांडे उसका इलाज कर रही हैं। इलाज के लिए आवश्यक दवा की उन्होंने खोज की। इंडिया मार्ट पर सर्च करने पर एनजीएल फाईनकेम कंपनी से संपर्क हुआ। इसके बाद कंपनी के कहे अनुसार निर्धारित राशि बीमार पुत्र के बैंक खाते से कंपनी को ट्रांसफर कर दी गई। लेकिन दवा आवेदिका तक नहीं पहुंची। पूछने पर बताया गया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर कस्टम ने पार्सल पकड़ दिया है। अब ट्रेवल इंश्योरेंस की आवश्यकता है। इसके लिए 21 हजार भेजे जाएं। यह राशि बाद में रिफंड कर दी जाएगी। यह राशि भी भेज दी गई। बाद में पता चला कि कोरियर कंपनी से कस्टम डिपार्टमेंट ने एनओसी के लिए 18 हजार रुपए की मांग की थी। कंपनी से संपर्क करने पर फिर 13 हजार रुपए एजेंट के खाते में जमा करने कहा गया। यह राशि भी दे दी गई। इस तरह कुल 1 लाख 25 हजार जमा करने के बावजूद उसे अब तक दवा नहीं मिली। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदक दवा कंपनी के कृत्य को सेवा में कमी पाकर हर्जाना सहित जमा राशि लौटाने का आदेश दिया।