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यहां बादल दिखते हैं तो कांप उठता है इनका कलेजा

locationजबलपुरPublished: May 03, 2019 08:25:29 pm

Submitted by:

shyam bihari

खुले आसमान के नीचे रखा है लाखों टन गेहूं

यहां बादल दिखते हैं तो कांप उठता है इनका कलेजा

anaj

जबलपुर। झुलसा देने वाली गर्मी में यदि आसमान में बादल दिखते हैं, तो आमलोग राहत की सांस लेते हैं। लेकिन, जबलपुर जिले का किसान बादल का टुकड़ा देखते ही कांप उठता है। क्योंकि, इस समय किसानों का लाखों टन गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा है। जिले में गेहंू की खरीदी तेज हो गई है, लेकिन परिवहन बेहद धीमा है। ऐसे में खरीदी केंद्रों पर गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। अब तक करीब 12 लाख क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। लेकिन, महज तीन लाख क्विंटल गेहूं ही गोदामों में जा सका है। जिले के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में ऐसी स्थिति है। खेतों में आग लगने की घटनाओं से जूझ चुके किसान अब बिगड़ते मौसम से डरे-सहमे हैं। जबकि, जिम्मेदारों के चेहरे पर सिकन नहीं है। बारदानों की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। गिनती के बारदाने आते हैं। देखते ही देखते कुछ किसानों में बंट जाते हैं। बाकी अगली खेप आने का इंतजार करते हैं। प्रशासन से शिकायत करते हैं, लेकिन जवाब में कुछ नहीं होता। लाखों टन गेहूं हल्की बारिश में भी खराब हो सकता है। क्योंकि, तिरपाल की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास दिखाने भर के भी इंतजाम नहीं हैं।
स्थिति चिंताजनक
प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक गेहूं उपार्जन के लिए 50 हजार से ज्यादा किसान पंजीकृत हैं। पूरे जबलपुर जिले से साढ़े तीन लाख मैट्रिक टन से ज्यादा खरीदी का लक्ष्य प्रशासन ने रखा है। आंकड़ों के आधार पर अभी तक 12 लाख 80 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई है। लेकिन, लाख कोशिशों के बाद भी करीब तीन लाख क्विंटल गेहूं ही गोदामों में भेजा गया। बाकी खरीदी केंद्रों पर खुले में रखा है। कुछ बारदानों में पैक करके भी रखा गया है। लेकिन, उसका परिवहन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यदि बारिश होती है, तो गेहूं को भीगने से बचाना मुश्किल होगा। किसानों की चिंता से जिला प्रशासन को बार-बार अवगता कराया जा रहा है। लेकिन, प्रशासन की तरफ से गम्भीरता नहीं दिखाई जा रही है। जबकि, किसान दिन-रात आसमान ताकता रहता है।

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