विभाग की प्रयोगशाला में आधुनिक मशीन की स्थापना का काम शुरू किया गया है। मशीन के माध्यम सेे नए प्रकार के खनिजों की पहचान हो सकेगी।
एचके नेताम, चीफ कैमिस्ट, क्षेत्रीय कार्यालय भौमिकी एवं खनिकर्म
जबलपुरPublished: Feb 09, 2019 01:01:36 am
shyam bihari
भौमिकी और खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय की लैब में लगेगी आधुनिक मशीन
Mineral
जबलपुर। प्रदेशभर में मिलने वाले खनिजों के नमूनों की जांच आधुनिक मशीन से शहर में हो सकेगी। कटंगा में भौमिकी तथा खनिकर्म के क्षेत्रीय कार्यालय में खनिज साधन विभाग की मॉर्डन लैब का निर्माण किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नए खनिजों की पहचान भी आसानी से हो जाएगी। अभी यह काम परम्परागत साधनों से किया जाता है।
प्रदेश की एकमात्र शासकीय प्रयोगशाला में अभी अलग-अलग जगह से नमूने तो आते हैं। लेकिन उनकी पहचान परंपरागत उपकरणों के माध्यम से किए जाते हैं। इनसे सीमित संख्या में खनिज की पहचान हो पाती हैं। इससे नमूने लाने वालों को दिक्कत होती है। इसलिए विभाग ने नई तकनीक वाली एटॉमिक ऑव्जर्सन स्प्रेक्ट्रो फोटोमीटर मशीन लगाने की योजना बनाई है। जर्मन कंपनी की यह मशीन लैब में आ चुकी है। इसकी स्थापना का काम शुरू किया गया है। अभी ऐसी मशीन वेटरनरी यूनिवर्सिटी के अलावा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में स्थापित है।
जिले में मिलते हैं यह खनिज
आयरन ओर, बाक्साइट, डोलोमाइट, मैग्नेशियम, लाइम स्टोन, चीनी मिट्टी, कॉपर, फायर क्ले, सिलिका सेंड, टैल्क, सॉपस्टोन, सोना आदि।
अभी क्या स्थिति
– मौजूदा स्थिति में यदि किसी खनिज का नमूना आता है तो उसकी जांच में कम से कम पांच दिनों का समय लग जाता है।
– विभाग की प्रयोगशाला में कॉपर, जिंक, लेड और एंटीमनी जैसे कुछ खनिजों की जांच हो पाती है। बांकी की जांच में दिक्कत होती है।
यह होगा फायदा
– न केवल जबलपुर बल्कि प्रदेशभर से खनिज विभाग से आने वाले नमूनों में नए-नए खनिजों की पहचान हो सकेगी। इसका फायदा भी मिलेगा।
– आधुनिक मशीन से नमूनों को जांच के काम में समय की बचत होगी। दो से तीन दिनों के भीतर नमूना लाने वाले को जानकारी दी जाएगी।
विभाग की प्रयोगशाला में आधुनिक मशीन की स्थापना का काम शुरू किया गया है। मशीन के माध्यम सेे नए प्रकार के खनिजों की पहचान हो सकेगी।
एचके नेताम, चीफ कैमिस्ट, क्षेत्रीय कार्यालय भौमिकी एवं खनिकर्म