पौधरोपण करने के साथ ही उनकी देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी। इस कार्य में सभी विभागों, संस्थाओं, स्वयं सेवी संगठनों को भी शामिल किया जाएगा।
-भरत यादव, कलेक्टर
जबलपुरPublished: Jun 25, 2019 01:29:30 am
shyam bihari
2017 में वृहद स्तर पर इन साइट में रोपे थे पौधे
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-50-50 हजार से ज्यादा टेंमर-भीटा, पाटबाबा की पहाड़ी, लम्हेटाघाट, जीसीएफ की पहाड़ी, फीनिक्स पोल्ट्री फार्म
-25 हजार से ज्यादा डुमना नेचर पार्क, ट्रिपल आइटीडीएम परिसर
-10 हजार से ज्यादा ओएफके, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर, रानी दुर्गावती विवि, कृषि विवि.
-4770 ललपुर फिल्टर प्लांट के पास
-03 हजार भटौली बायपास के समीप
-02 हजार नेचर पार्क से एयरपोर्ट मार्ग
-2865 हाथीताल क्र ासिंग से पुराने रेलवे फाटक तक
-02 हजार वीकल मार्ग शारदा नगर में
-2970 बनारसी दास भनोत वार्ड में
इस बार पौधरोपण की तैयारी
-1.25 लाख पौधे शहरी क्षेत्र में
-75 हजार पौधे ग्रामीण इलाकों में
-25-25 हजार पौधे मदनमहल पहाड़ी व डुमना नेचर पार्क में
जबलपुर। मानसून सीजन की शुरुआत के साथ ही पौधरोपण की तैयारी शुरू हो गई है। जिलेभर में दो लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में ‘पत्रिकाÓ रिपोर्टर ने दो साल पहले जबलपुर में रोपे गए 42 लाख पौधों में से कुछ की साइट का मुआयना किया तो पता लगा कि कई स्थलों में पौधों का नामोनिशान नहीं बचा है। कई साइट ऐसी भी हैं जहां पौधरोपण की निशानी के तौर पर केवल नाम पट्टिका शेष रह गई हैं। दरअसल पौधरोपण के बाद उनकी देखभाल तो दूर ज्यादातर विभागों ने इन स्थलों पर मुड़कर भी नहीं देखा। नतीजतन ज्यादातर पौधे मर गए या उन्हें मवेशी चर गए। रोपे गए लाखों पौधों के मुकाबले 20 प्रतिशत पौधे भी सुरक्षित नहीं बचे।
पर्यावरणविदें का मानना है कि पर्यावरण संतुलन के लिए पौधरोपण करने से लेकर उसके वृक्ष बनने तक देखभाल जरूरी है। पौधरोपण के नाम पर केवल अभियान चलाने की खानापूर्ति से तस्वीर नहीं बदलने वाली है।
ये है नजारा
भटौली पुल के दायीं ओर
इस साइट पर पुलिस विभाग ने वृहद स्तर पर पौधरोपण किया था। मौके पर पुलिस महकमे का बोर्ड अभी भी लगा है, लेकिन दूर तक एक भी पौधा नहीं बचा है। दरअसल पौधरोपण के बाद दोबारा पुलिस की टीम ने इस ओर मुड़कर भी नहीं देखा।
भटौली पुल के बायीं ओर
नगर निगम ने इस स्थल पर दो हजार से ज्यादा पौधे रोपे थे। ज्यादातर पौधे बेकद्री की भेंट चढ़ गए। जो बचे थे उन्हें भी मवेशी चर गए। अब निगम ने मौके पर लगे बोर्ड में अंकित पट्टिका की पुताई करा दी। दूर तक पौधों का नामोनिशान नहीं है।
लम्हेटाघाट में घुघवा जलप्रपात मार्ग
इस साइट में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी पत्नी साधना सिंह व अन्य वीआइपी ने पौधरोपण किया था। पौधों की देखभाल भेड़ाघाट नगर परिषद् के पांच कर्मचारी करते हैं। स्थल पर सभी 25 हजार पौधे सुरक्षित हैं। कुछ पौधे जो मर गए उनके स्थान पर दूसरे पौधे लगाए गए। नर्मदा किनारे स्थित इस साइट में आम, अमरूद, नीम का हरा-भरा उद्यान तैयार हो रहा है।
पौधरोपण करने के साथ ही उनकी देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी। इस कार्य में सभी विभागों, संस्थाओं, स्वयं सेवी संगठनों को भी शामिल किया जाएगा।
-भरत यादव, कलेक्टर