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यहां के अफसर कागज पर तान रहे स्मार्ट सिटी

locationजबलपुरPublished: Oct 04, 2019 05:59:42 pm

Submitted by:

shyam bihari

कल्चरल स्ट्रीट बदहाल, एनएमटी का वर्षों से इंतजार

जबलपुर। अपने को महानगर कहलाने के बेसब्री से इंतजार कर रहा जबलपुर शहर अलग किस्म के अफसरों के चक्कर में पड़ गया है। हालत यह है कि महानगर की ओर बढऩा तो दूर की बात है, स्मार्ट सिटी के एक भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो रहा। दिल्ली की तर्ज पर कल्चरल स्ट्रीट बनाएंगे, शहर के कलाकारों के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म मिलेगा। जबलपुर शहरवासियों को ये सपना दिखाया गया। प्रोजेक्ट के लिए भंवरताल पार्क के पास एक सड़क को खत्म कर दिया गया। रानी दुर्गावती संग्रहालय के पास इस प्रोजेक्ट पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन तीन साल बाद भी स्ट्रीट बदहाल है। कुछ पत्थरों को जोडऩे व स्मार्ट लाइट लगाने के अलावा यहां कोई बड़ा काम नहीं हुआ। इसी तरह से कवर्ड ओमती नाले पर नॉन मोटराइज्ड ट्रेक का काम पूरा नहीं हो सका। सड़कों के किनारे फु टपाथ बनाए तो स्मार्ट लाइट लगाने का काम अधूरा है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर को नया स्वरूप देने जितने भी प्रोजेक्ट शुरू किए गए ज्यादातर अधूरे हैं।
एक स्ट्रीट नहीं बनी
रानी दुर्गावती संग्रहालय से नेपियर टाउन स्थित पेट्रोल पंप की ओर जाने वाले मार्ग को खत्म करके उसके स्थान पर कल्चरल स्ट्रीट बनाई गई। तीन साल में भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। अब तक इस स्थल पर गिनती के आयोजन हुए हैं। इतना ही नहीं कल्चरल स्ट्रीट का ठीक ढंग से रखरखाव भी नहीं होता।
दो साल में नहीं बना ट्रैक
मदनमहल स्टेशन के पीछे से लेकर पुराने बस स्टैंड तक नॉन मोटराइज्ड ट्रेक का दो साल पहले निर्माण शुरू हुआ था। उस दौरान दावा किया गया की शहरवासियों को पैदल चलने के लिए सुगम मार्ग मिलेगा। जिसके दोनों ओर हरियाली होगी। इतना ही नहीं क्षेत्र के लोगों का स्कूल, कॉलेज व कार्यालय आने-जाने के दौरान अनावश्यक समय खराब नहीं होगा।
स्मार्ट लाइट नहीं लगी
नगर में सड़कों के किनारे 32 किलोमीटर क्षेत्र में सत्रह किलोमीटर की लागत से फु टपाथ का निर्माण किया जा रहा है। सभी में स्मार्ट लाइट लगना है। सिविल लाइन से लेकर विजय नगर समेत शहर के अन्य प्रमुख इलाकों में जहां भी फु टपाथ बनकर तैयार हो गए हैं अब तक स्मार्ट लाइट नहीं लगाई गई। इसी तरह कई अन्य प्रोजेक्ट भी कछुआ चाल से चल रहे हैं। लोगों का आरोप है कि उन्हें स्मार्ट सिटी के नाम पर ठगा गया है।

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