अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं है
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वैज्ञानिक एसके खरे के अनुसार जबलपुर में दीपावली के अवसर पर जलने वाले पटाखों से प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से कम रहता है। अगर प्रदूषण रहित पटाखे बनते हैं तो ध्वनि प्रदूषण 50 डेसिबल तक कम हो सकता है, वायु प्रदूषण में भी कमी आ सकती है। हालाकि अभी इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वैज्ञानिक एसके खरे के अनुसार जबलपुर में दीपावली के अवसर पर जलने वाले पटाखों से प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से कम रहता है। अगर प्रदूषण रहित पटाखे बनते हैं तो ध्वनि प्रदूषण 50 डेसिबल तक कम हो सकता है, वायु प्रदूषण में भी कमी आ सकती है। हालाकि अभी इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
एेसे समझें ध्वनि प्रदूषण (डेसिबल में)
क्षेत्र दिन में रात में
औद्योगिक 75 70
व्यवसायिक 65 55
रहवासी 55 45
साइलेंस 50 40
दीपावली पर 90 110 से 120 तक
लिमिट 125 डेसिबल तक वायु प्रदूषण का स्तर (माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) आम दिनों में
क्षेत्र प्रदूषण
रहवासी 105 से 110
व्यवसायिक 80 से 100
दीपावली पर 110 से 120
क्षेत्र दिन में रात में
औद्योगिक 75 70
व्यवसायिक 65 55
रहवासी 55 45
साइलेंस 50 40
दीपावली पर 90 110 से 120 तक
लिमिट 125 डेसिबल तक वायु प्रदूषण का स्तर (माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) आम दिनों में
क्षेत्र प्रदूषण
रहवासी 105 से 110
व्यवसायिक 80 से 100
दीपावली पर 110 से 120
पीसीबी ने की अपील
125 डेसिबल से ज्यादा पटाखा न जलाएं
पटाखा जलाते वक्त न्यूनतम 4 मीटर की दूरी पर खड़े रहें
रात 10 से सुबह 6 बजे तक पटाखे जलाना प्रतिबंधित है
पटाखे जलाने के बाद कचरा प्राकृतिक जलस्रोत, पेयजल स्रोत के आसपास न फे कें
पटाखा का कचरा अलग से रखें व नगर निगम के सफाईकर्मियों को सौंपे
साइलेंट जोन अस्पताल, हाईकोर्ट, कलेक्ट्रेट व फै क्ट्रियों के आसपास पटाखे न जलाएं
125 डेसिबल से ज्यादा पटाखा न जलाएं
पटाखा जलाते वक्त न्यूनतम 4 मीटर की दूरी पर खड़े रहें
रात 10 से सुबह 6 बजे तक पटाखे जलाना प्रतिबंधित है
पटाखे जलाने के बाद कचरा प्राकृतिक जलस्रोत, पेयजल स्रोत के आसपास न फे कें
पटाखा का कचरा अलग से रखें व नगर निगम के सफाईकर्मियों को सौंपे
साइलेंट जोन अस्पताल, हाईकोर्ट, कलेक्ट्रेट व फै क्ट्रियों के आसपास पटाखे न जलाएं