scriptपरिंदों के लिए बिलख-बिलखकर रो पड़े इस शहर के लोग | The people of this city wept bitterly for the birds | Patrika News

परिंदों के लिए बिलख-बिलखकर रो पड़े इस शहर के लोग

locationजबलपुरPublished: Oct 24, 2019 08:57:44 pm

Submitted by:

shyam bihari

आखिरकार वन विभाग ने पेड़ की डालियां काटने वाले ठेकेदार पर दर्ज की एफआईआर

Pokhran became Rare species roost of birds in jaisalmer

परमाणुनगरी बनी दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का बसेरा,नजर आए विंगड टर्न व ऑस्प्रे पक्षी

जबलपुर। संस्कारधानी बनने के लिए जबलपुर शहर में कई विशेषताएं हैं। तभी जबलपुर शहर की पहचान वर्षों से संस्कारधानी के रूप में है। शहर ने अपनी पहचान एक बार फिर साबित की। यहां अफसरों की तानाशाही के चलते सैकड़ों पक्षी मरने को मजबूर हो गए। यह भी सही है कि अफसरों की आंखों में पछतावा भी नहीं था। लेकिन, शहर के लोगों ने मृत पक्षियों को देखा, तो उनकी आंखें छलक पड़ीं। घायल पक्षियों का दर्द महसूस करके लोग भावुक हो उठे। गुस्सा भी फूट पड़ा। आखिरकार बीएसएनएल कार्यालय परिसर में लगे पेड़ों की कटाई और छंटाई के कारण कई पक्षी और उनके बच्चों के मरने की घटना के तीन बाद वन विभाग के अधिकारी हरकत में आए। फरार ठेकेदार बबलू खान के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। मामले में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं का उलंघन पाया गया। पक्षी प्रेमी भी बीएसएनएल परिसर पहुंचे। उन्होंने 100 से अधिक पक्षियों और उनके बच्चों का रेस्क्यू किया।
संस्कारधानी के विभिन्न संगठनों के युवक बीएसएनल कार्यालय पहुंचे, तो मृत पक्षियों की दुर्गंध से ठहर पाना मुश्किल हो रहा था। युवाओं ने कराह रहे पक्षियों को अपना निवाला बना रहे कुत्तों को खदेड़ा। 100 से अधिक पक्षियों का रेस्क्यू किया। उन्हें मछलियां खिलाकर पानी पिलाया। कागज के गत्तों में सुरक्षित कर कार से डुमना नेचर रिजर्व ले गए। यहां के वेटरनरी कॉलेज के डॉक्टरों ने पक्षियों का इलाज किया।
पक्षियों का रेस्क्यू करने पहुंची नर्सिंग छात्राओं ने बताया कि किसी पक्षी के पंख टूटे थे तो किसी के पैर। निरीह बच्चों की आंखें मां को तलाश रही थीं। सभी भूख-प्यास से तड़प रहे थे। पक्षी को पानी पिलाते हुए नर्सिंग छात्रा मून थापा रो पड़ी। उसने बताया कि डालियों के नीचे दबे पक्षियों को बचाने के कोई प्रयास नहीं किए गए थे।
आंख बंद करके जारी कर दिया फरमान
बीएसएनएल कार्यालय परिसर के पेड़ों की डालियों से जलीय प्रजाति के ईग्रेट, पांड हेरोन एवं कोर्मोरेंट प्रजाति के पक्षियों का रेस्क्यू किया गया है। दफ्तर के अधिकारियों के आवेदन पर नगर निगम के उद्यान विभाग ने नेस्टिंग और ब्रीडिंग सीजन में 15 अक्टूबर को पेड़ों की छंटाई के निर्देश दिए थे। जबकि, स्थल के निरीक्षण के बाद निर्देश दिए जाने थे।

जबलपुर डीएफओ रवींद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि पक्षियों और चूजों को वहां इसलिए छोड़ा गया था, जिससे मां और बच्चे अपने प्राकृतिक रहवास में चले जाएं। वन कर्मचारियों को इस मामले में संवेदनापूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए हैं। नगर निगम के उद्यान विभाग को नोटिस भेजा गया है। फरार ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज की गई है।

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