scriptजिस शिक्षा संकाय की मांग, वहां चार सालों से बंद विवि का पीएचडी दरवाजा | The PhD door of the university closed for four years, the education fa | Patrika News

जिस शिक्षा संकाय की मांग, वहां चार सालों से बंद विवि का पीएचडी दरवाजा

locationजबलपुरPublished: Oct 22, 2021 11:58:42 pm

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

पीएचडी मामला, शिक्षा संकाय में पिछले चार सालों से बात जोह रहे सैकड़ो अभ्यार्थी, नहीं किया गया शामिल

jai narayan vyas university PhD scholars are in worry for their course

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जबलपुर।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा लंबे समय बाद पीएचडी को लेकर इंट्रेस परीक्षा आयोजित की जा रही है। लेकिन अचरज की बात है कि जिस शिक्षा संकाय में पीएचडी की सर्वाधिक मांग बनी है विश्वविद्यालय द्वारा उसे ही छोड़ दिया गया है। शिक्षा संकाय के अलावा अंग्रेजी, सोशालॉजी विषयों को भी जोड़ा नहीं गया है। शिक्षा संकाय में पिछले ४ सालों से बड़ी संख्या में अभ्यार्थी पीएचडी करने का इंतजार कर रहे हैं। लंबे गैप के बाद अधिकांश गाइड भी जहां खाली हो गए तो वहीं कई सालों से पढ़ा रहे नए प्राध्यापकों ने भी गाइड बनने के लिए विवि प्रशासन के दरवाजे दस्तक दी है। विवि के ढुलमुल रवैए से एेसे अभ्यार्थियों को शहर से बाहर के विवि में जाने विवश होना पड़ रहा है।
एग्जाम की डेट बढ़ाने पर दिया था आश्वासन
बताया जाता है पूर्व में पीएचडी के लिए आयोजित की जा रही डीइटी परीक्षा अगस्त में की जानी थी। अभ्यार्थियों की नाराजगी को देखते हुए शिक्षा संकाय के साथ कुछ अन्य विषयों को भी इसमें जोडऩे का निर्णय लिया गया। डीइटी की इंट्रेस परीक्षा को एक माह आगे बढ़ाते हुए 30 अक्टूबर कर दिया गया। लेकिन विवि प्रशासन शिक्षा संकाय सहित सोशलॉजी, अंग्रेजी विषयों को शामिल करना भूल गया। जया चतुर्वेदी, प्रीति कहती है कि वे पिछले 4 सालों से विश्वविद्यालय पीएचडी का रास्ता खुलने की बाट जोह रही है लेकिन इस साल भी उन्हें निराशा हाथ लगी। ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जो शोध नहीं कर पा रहा है।
रिसर्च सेंटर का हवाला
जानकारों के अनुसार शिक्षा संकाय के लिए रिसर्च सेंटर न होने का हवाला देते हुए विवि पिछले ४ सालों से टालमटोली करते रहा। अब जब विश्वविद्यालय स्तर पर रिसर्च सेंटर बनकर तैयार कर दिया गया है तो लेकिन शिक्षा संकाय को शामिल करने निर्णय नहीं ले सका। जानकारों के अनुसार हर साल सैकड़ों आवेदन सिफ शिक्षा संकाय में पीएचडी के लिए आते हैं। आवेदकों को इस बात को लेकर चिंता है कि यदि उन्हें समय पर पीएचडी करने का मौका नहीं मिला तो प्राध्यापकों की भर्ती से भी मायूस होना पड़ेगा।
वर्जन
-किन्ही कारणों के चलते डीइटी एग्जाम में शिक्षा संकाय के साथ कुछ विषय छूट गए थे। इसपर मंथन किया जा रहा है। हम कोशिश कर रहे हैं कि अगले माह शिक्षा संकाय सहित अन्य विषयों को जोड़कर इसके लिए भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाए।
-डॉ.ब्रजेश सिंह, कुलसचिव रानी दुर्गावती विवि

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