पुलिस अधिकारियों में हड़कम्प
मनमानी की पोल खुलने के बाद जबलपुर पुलिस में हड़कम्प मच गया है। आला अधिकारियों ने सीसीटीएनएस में सभी जानकारियां दर्ज करने के आदेश दिए हैं। हालांकि वर्तमान में शत-प्रतिशत थानों में सीसीटीएनएस में ही एफआईआर ली जा रही है। सीसीटीएनएस से हटा दी जाती है आरोपित की फोटो, एमएलसी रिपोर्ट भी नहीं हो रही दर्ज
थानों में सीसीटीएनएस सिस्टम
31 में 4-4
7 में 6-6
2 में 3-3
2 में 2-2
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इस समयावधि की समीक्षा
1 जनवरी 2017 से 31 अक्टूबर 2017 तक
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ये गड़बड़ी मिलीं
प्रतिदिन के मामले : 40
सभी मामलों में पीडि़त, आरोपित और गिरफ्तार आरोपितों का आधार कार्ड नंबर दर्ज नहीं किया जा रहा।
मोबाइल नम्बर
प्रतिदिन के मामले :15
अधिकतर मामलों में पीडि़त का मोबाइल नंबर एफआईआर में दर्ज किया जाता है, लेकिन गिरफ्तारी के बाद हटा दिया जाता है।
एनसीआर १५५ कागजों में
प्रतिदिन के मामले : 10
एमएलसी रिपोर्ट
प्रतिदिन के मामले : 38
सिटीजन पोर्टल की अनदेखी
प्रतिदिन के मामले : 18
सिटीजन पोर्टल पर आने वाली शिकायतों और चरित्र सत्यापन के मामलों को भी अनदेखा किया जा रहा है।
आरोपित का हुलिया
प्रतिदिन के मामले : 10
प्रतिबंधात्मक कार्रवाई
प्रतिदिन के मामले : 16
गुम इंसान
प्रतिदिन के मामले-5
गुम इंसान के मामलों में गुमशुदा की तस्वीर, हुलिया और यदि उसकी दस्तयाबी होती है तो उसे भी अपलोड करना आवश्यक है। इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है।