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सीसीटीएनएस से हटा दी जाती है आरोपित की फोटो, एमएलसी रिपोर्ट भी नहीं हो रही दर्ज

locationजबलपुरPublished: Jan 18, 2018 11:57:32 pm

Submitted by:

virendra rajak

डीजीपी की समीक्षा में खुली पोल : अधिकारियों को सुधार के निर्देश

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जबलपुर. सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क ट्रैकिंग सिस्टम) में काम करने में जबलपुर पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। विवेचना अधिकारी से लेकर थाना प्रभारी तक सीसीटीएनएस में मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। जबलपुर पुलिस की इस मनमानी की पोल उस वक्त खुली, जब डीजीपी ने जबलपुर जिले में सीसीटीएनएस की प्रगति की समीक्षा की। पुलिस मुख्यालय ने जबलपुर पुलिस की मनमानी पर आपत्ति जताते हुए अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए हैं। समीक्षा में पाया गया कि अधिकांश विवेचना अधिकारी सीसीटीएनएस पर काम तो कर रहे हैं, लेकिन उसमें दिए गए कॉलम में उचित जानकारियां नहीं भी जा रही हैं। इससे सीसीटीएनएस की उपयोगिता कम हो सकती है।

पुलिस अधिकारियों में हड़कम्प

मनमानी की पोल खुलने के बाद जबलपुर पुलिस में हड़कम्प मच गया है। आला अधिकारियों ने सीसीटीएनएस में सभी जानकारियां दर्ज करने के आदेश दिए हैं। हालांकि वर्तमान में शत-प्रतिशत थानों में सीसीटीएनएस में ही एफआईआर ली जा रही है। सीसीटीएनएस से हटा दी जाती है आरोपित की फोटो, एमएलसी रिपोर्ट भी नहीं हो रही दर्ज

थानों में सीसीटीएनएस सिस्टम
31 में 4-4
7 में 6-6
2 में 3-3
2 में 2-2
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इस समयावधि की समीक्षा
1 जनवरी 2017 से 31 अक्टूबर 2017 तक

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ये गड़बड़ी मिलीं

आधार नंबर
प्रतिदिन के मामले : 40
सभी मामलों में पीडि़त, आरोपित और गिरफ्तार आरोपितों का आधार कार्ड नंबर दर्ज नहीं किया जा रहा।

मोबाइल नम्बर

प्रतिदिन के मामले :15
अधिकतर मामलों में पीडि़त का मोबाइल नंबर एफआईआर में दर्ज किया जाता है, लेकिन गिरफ्तारी के बाद हटा दिया जाता है।

एनसीआर १५५ कागजों में

प्रतिदिन के मामले : 10

कई एेसे मामले सामने आए, जिनमें एनसीआर 155 (पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना) की जानकारी सीसीटीएनस में दर्ज करने के बजाय कागजों में दर्ज की जा रही है।

एमएलसी रिपोर्ट

प्रतिदिन के मामले : 38

एमएलसी (मेडिको लीगल रिपोर्ट) की कार्रवाई भी कागजों में होती है। जबकि सीसीटीएनएस में घायल का नाम, आधार नंबर के साथ डॉक्टर का नाम, पद और उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही।

सिटीजन पोर्टल की अनदेखी

प्रतिदिन के मामले : 18
सिटीजन पोर्टल पर आने वाली शिकायतों और चरित्र सत्यापन के मामलों को भी अनदेखा किया जा रहा है।

आरोपित का हुलिया

प्रतिदिन के मामले : 10

गिरफ्तार आरोपित का हुलिया और उसकी तस्वीर तो थानों में ली जाती है, लेकिन उसे इस पर दर्ज नहीं किया जाता।

प्रतिबंधात्मक कार्रवाई

प्रतिदिन के मामले : 16

आदतन अपराधियों पर की जाने वाली प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी इसमें दर्ज नहीं की जाती, जबकि यह काफी अहम है।

गुम इंसान

प्रतिदिन के मामले-5
गुम इंसान के मामलों में गुमशुदा की तस्वीर, हुलिया और यदि उसकी दस्तयाबी होती है तो उसे भी अपलोड करना आवश्यक है। इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है।

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