scriptजिन बच्चियों का कोई न था, उन्हें परायों ने पिलाया दूध | The staff of Elgin Hospital kept the two-day-old girls | Patrika News

जिन बच्चियों का कोई न था, उन्हें परायों ने पिलाया दूध

locationजबलपुरPublished: Oct 17, 2020 07:38:55 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर में झाडिय़ों में मिली दो दिन की बच्चियों को एल्गिन अस्पताल के स्टाफ ने बेटियों की तरह रखा
 
 

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जबलपुर। जन्म लेते ही दो दिन की दो बच्चियों को अलग-अलग स्थानों पर मरने के लिए लावारिस फेंक दिया गया था। लेकिन, किसी तरह वे एल्गिन अस्पताल पहुंचा दी गईं। वहां पराए लोगों से इतना प्यार और दुलार मिला कि वे पूर्ण स्वस्थ हो गईं। सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती दोनों नवजातों को देखकर स्टाफ और वहां भर्ती प्रसूताओं की ममता उमड़ पड़ी। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने उन्हें अपने कलेजे के टुकड़े की तरह रखा। गोद में खिलाया, खिलौने भी दिए। बच्चियां रोतीं, तो उन्हें लोरियां सुनातीं। अपनेपन की झप्पी देतीं। अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं ने कोई रिश्ता न होते हुए भी उन्हें अपना दूध पिलाया।

एसएनसीयू में चहकने वाली दोनों नवजात के जाने का समय आया, तो स्टाफ और भर्ती प्रसूताओं की आंखों में आंसू आ गए। स्टाफ ने वीडियो बनाकर दोनों बच्चियों के साथ अपने अनोखे रिश्ते को बयां किया। इसमें गीत के बोल हैं… ‘मेरी मुनिया रानी बनें, देखें खुशियों के मेले।Ó एक बच्ची को शहर के बालिका निकेतन भेजा गया है। दूसरी को भी एक-दो दिन में भेजेंगे। स्पताल में आरएमओ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार दोनों नवजातों को जन्म के बाद शायद इसलिए छोड़ दिया कि वे लड़की थीं। एसएनसीयू में इंचार्ज डॉ. पल्लवी लोंदे सहित पूरा स्टाफ महिला है। सभी ने दोनों नवजातों की अपने बच्चे की तरह देखभाल की। सभी वीडियो के जरिए समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि बेटियां किसी से कम नहीं है। वे सब कुछ कर सकती हैं। इसलिए बेटियों से घृणा न करें। उन्हें मां की ममता से वंचित न करें।

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