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जबलपुर

new year के कलेंडर में उभरा नर्मदा का सौंदर्य, सामने आए एक से बढ़कर एक प्रकृति के नजारे

बिजली कम्पनियों की पहल : नर्मदा के सौंदर्य के साथ दिखाई जल की शक्ति

जबलपुरJan 06, 2018 / 01:26 am

sudarshan ahirwa

Narmada

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जबलपुर. प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने इस वर्ष का कैलेंडर लाइफ लाइन नर्मदा नदी को समर्पित किया है। कैलेंडर का विमोचन करते हुए पावर मैनेजमेंट कम्पनी के एमडी संजय कुमार शुक्ल ने कहा कि नर्मदा हमारे प्रदेश के बहुत बड़े हिस्से को पेयजल, सिंचाई के साथ उद्योगों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रदेश के बिजली उत्पादन में भी नर्मदा नदी का बड़ा योगदान है। प्रकृति से मिली इस अनुपम धरोहर के संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस बार के कैलेंडर में नर्मदा की सौंदर्यता और उसकी जल शक्ति को प्रदर्शित किया गया है। नर्मदा नदी में प्रदूषण न बढ़े और हमारे आने वाली पीढिय़ों को भी स्वच्छ जल व सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होता रहे।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एमडी मुकेश चंद गुप्ता ने बताया कि नर्मदा नदी का प्रवाह क्षेत्र अनूपपुर जिले के अमरकंटक की पहाडि़यों से निकलकर प्रदेश के 16 जिलों और 51 विकासखंड से होती हुई निकलती हैं। नर्मदा नदी अलीराजपुर जिले के सोंडवा तक 1077 किलोमीटर की यात्रा कर गुजरात में भरूच के आगे 1310 किलोमीटर का प्रवाह तय कर खम्भात की खाड़ी में मिल जाती है।
पावर जनरेशन कम्पनी के एमडी एपी भैरवे ने कहा कि नर्मदा और उसकी सहायक नदियां प्रदेश के बहुत बड़े क्षेत्र में सिंचाई व पेयजल के प्रमुख स्रोत हैं। नदी का कृषि, बिजली, पर्यटन और उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। नर्मदा तट ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, जो देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। नर्मदा नदी का सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व साहित्यिक महत्व है।
ये है कैलेंडर में
पावर ट्रांसमिशन कंपनी की कल्याण अधिकारी नुसरत सिद्दीकी ने कैलेंडरों की परिकल्पना की है। दीवार कैलेंडर में जनवरी के पृष्ठ पर बरगी बांध, फरवरी में कपिलधारा, मार्च में नर्मदा उद्गम स्थल, अप्रैल में महेश्वर, मई में गांव के किनारे नर्मदा, जून में बैक वाटर बरगी, जुलाई में तिलवाराघाट, अगस्त में भेड़ाघाट, सितंबर-अक्टूबर में मंडला रोड पर नर्मदा, नवंबर में ग्वारीघाट एवं दिसंबर में पायली को प्रदर्शित किया गया है। टेबिल कैलेंडर में जलपरी को प्रदर्शित किया गया है। दीवार व टेबल कैलेंडर में अजय उभगांवकर, अविनाश सिंह, प्राप्ति परेश संघवी, शैलेन्द्र कुमार चाल्र्स एवं दिनेश कुमार मिश्रा के चयनित छायाचित्रों को शामिल किया गया है।
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