पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एमडी मुकेश चंद गुप्ता ने बताया कि नर्मदा नदी का प्रवाह क्षेत्र अनूपपुर जिले के अमरकंटक की पहाडि़यों से निकलकर प्रदेश के 16 जिलों और 51 विकासखंड से होती हुई निकलती हैं। नर्मदा नदी अलीराजपुर जिले के सोंडवा तक 1077 किलोमीटर की यात्रा कर गुजरात में भरूच के आगे 1310 किलोमीटर का प्रवाह तय कर खम्भात की खाड़ी में मिल जाती है।
पावर जनरेशन कम्पनी के एमडी एपी भैरवे ने कहा कि नर्मदा और उसकी सहायक नदियां प्रदेश के बहुत बड़े क्षेत्र में सिंचाई व पेयजल के प्रमुख स्रोत हैं। नदी का कृषि, बिजली, पर्यटन और उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। नर्मदा तट ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, जो देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। नर्मदा नदी का सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व साहित्यिक महत्व है।
ये है कैलेंडर में
पावर ट्रांसमिशन कंपनी की कल्याण अधिकारी नुसरत सिद्दीकी ने कैलेंडरों की परिकल्पना की है। दीवार कैलेंडर में जनवरी के पृष्ठ पर बरगी बांध, फरवरी में कपिलधारा, मार्च में नर्मदा उद्गम स्थल, अप्रैल में महेश्वर, मई में गांव के किनारे नर्मदा, जून में बैक वाटर बरगी, जुलाई में तिलवाराघाट, अगस्त में भेड़ाघाट, सितंबर-अक्टूबर में मंडला रोड पर नर्मदा, नवंबर में ग्वारीघाट एवं दिसंबर में पायली को प्रदर्शित किया गया है। टेबिल कैलेंडर में जलपरी को प्रदर्शित किया गया है। दीवार व टेबल कैलेंडर में अजय उभगांवकर, अविनाश सिंह, प्राप्ति परेश संघवी, शैलेन्द्र कुमार चाल्र्स एवं दिनेश कुमार मिश्रा के चयनित छायाचित्रों को शामिल किया गया है।
पावर ट्रांसमिशन कंपनी की कल्याण अधिकारी नुसरत सिद्दीकी ने कैलेंडरों की परिकल्पना की है। दीवार कैलेंडर में जनवरी के पृष्ठ पर बरगी बांध, फरवरी में कपिलधारा, मार्च में नर्मदा उद्गम स्थल, अप्रैल में महेश्वर, मई में गांव के किनारे नर्मदा, जून में बैक वाटर बरगी, जुलाई में तिलवाराघाट, अगस्त में भेड़ाघाट, सितंबर-अक्टूबर में मंडला रोड पर नर्मदा, नवंबर में ग्वारीघाट एवं दिसंबर में पायली को प्रदर्शित किया गया है। टेबिल कैलेंडर में जलपरी को प्रदर्शित किया गया है। दीवार व टेबल कैलेंडर में अजय उभगांवकर, अविनाश सिंह, प्राप्ति परेश संघवी, शैलेन्द्र कुमार चाल्र्स एवं दिनेश कुमार मिश्रा के चयनित छायाचित्रों को शामिल किया गया है।