जबलपुर

प्रदेश में जीरो बजट फार्मिंग पर होगा फोकस

एग्रीकल्चर और वीयू मिलकर बदलेंंगे किसानों की दशा, आय दो गुनी करने के लिए होंगे विशेष प्रयास, पहलीबार एक कृषि और पशु को साथ लेकर हुई प्लानिंग, आय दोगुनी करने

जबलपुरSep 11, 2019 / 12:38 pm

Mayank Kumar Sahu

जड़ गलन ने बढ़ाई किसानों की चिंता, अब 16 तक करा सकेंगे किसान खरीफ फसलों का बीमा

सरकार को यह दिए गए सुझाव
-गौ आधारित कृषि व्यवस्था लागू करने

-फार्म में सीधे ट्रेनिंग देने की व्यवस्था

-देशी गायों को बढ़ावा दिया जाए

-नेचुलर खेती पर जोर

-सौलर एनर्जी से किसानों को जोडऩा

जबलपुर.
एग्रीकल्चर रिफार्मिंग को लेकर अब प्रदेश के कृषि एवं पशु पालन विश्वविद्यालय मिलकर एक साथ काम करेंगे। आने वाले समय में बढ़ती आबादी के लिए आवश्यक भोजन के लिए अन्न की जरूरतों को देखते हुए खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने गंभीरता दिखाई है। प्रदेश के कृषि और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के माध्यम से अब जीरो बजट फार्मिंग पर काम किए जाएगा। प्रदेश के दोनों विश्वविद्यालयों के साथ पहली बार इस दिशा में एकसाथ बैठक आयोजित की गई है क्योंकि अभी तक होने वाली बैठकों में सभी प्रोफेशनल एवं ट्रेडीशनल यूनिवर्सिटीज शामिल होती थी पहली बार सिर्फ कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, ग्वालियर एवं पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर को शामिल किया गया। इसके अलावा पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में भी पहल शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
खेती की लागत कम करने मिलकर काम

खेती की लागत को कम करने के लिए दोनों ही विश्वविद्यालय मिलकर काम करेंगे। जिसमें कृषि विश्वविद्यालय जहां उन्नत एवं ताकतवर किस्मों को तैयार करने पर फोकस करेगा तो वहीं वेटरनरी विश्वविद्यालय गौ आधारित कृषि पर काम करेगा। विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ अनुसंधान के माध्यम से काम करेंगे।
जैविक खेती पर

विशेष जोरजानकारों के अनुसार बजट खेती को लेकर जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। निर्णय लिया गया है कि इस दिशा में बेहतर काम कर जैविक खेती को 25 फीसदी तक लाया जाए। क्योंकि प्रदेश में जैविक खेती का प्रतिशत अभी करीब 10 से 13 फीसदी ही है। यदि पारंपरिक खेती के साथ जैविक खेती को भी खेतों में अपनाया जाता है तो इसे आय बढ़ेगी। दक्षिण भारत में इस दिशा में काम हो रहे हैं।
सौलर एनर्जी की दिशा में भी काम

सौलर एनर्जी की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे। किसानों सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में सोलर उर्जा के माध्यम से पैनल लगाकर कि किसान पंप के लिए खुद बिजली उत्पादन कर इसका उपयोग कर सकेगा। इससे खेती का बजट कम होगा। कुछ ऐसे ही प्रयास भविष्य में किए जाएंगे।
क्या कहतें है कुलपति

-पहली बार कृषि और पशुपालन विश्वविद्यालयों की बैठक हुई है। पशुओं को बीमारियों से बचाने, नस्ल सुधार के साथ ही गौ आधारित उत्पादों को तैयार करने में विवि प्रशासन प्रयास करेगा। इससे किसानों की आय दोगुनी होगी।
-डॉ.पीडी जुयाल, कुलपति वेटरनरी विवि

……..

-खेती को लाभ का धंधा बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय एक प्लेटफार्म पर आकर काम करेंगे। इस दिशा में प्रयास शुरू किए जा रहें है। सभी ध्येय एक है जिसमें निश्चित ही सफलता मिलेगी।
-डॉ.पीके बिसेन, कुलपति कृषि विवि

Home / Jabalpur / प्रदेश में जीरो बजट फार्मिंग पर होगा फोकस

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.