अभाविप परिषद के जबलपुर महानगर मंत्री सर्वम सिंह राठौर, विश्वविद्यालय अध्यक्ष अमित उपाध्याय ने कहा कि कोराना संकट काल में परीक्षा शुल्क माफ करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के हित में उपयोग की जाने वाली धनराशि को श्रम साध्य भत्ता के रूप में बांटने की योजना बना रहा है। उन्होंने विगत दिवस विश्वविद्यालय के ऑडिट विभाग मे तालाबंदी करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की। विवि के छात्रावास में एक साल से अतिथि विद्वानों के ठहरने पर प्रतिमाह दस हजार रुपए की दर से किराया वसूलने की मांग भी। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
इस दौरान पार्थ नरेलिया, माखन शर्मा, भावेश परिहार, ऋषभ गोरिया आदि उपस्थित थे। मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार कर मुख्य प्रशासनिक भवन के समक्ष प्रदर्शन किया। ऑडिट विभाग की कार्यप्रणाली पर भी नाराजगी जताई। संघ के अध्यक्ष बैसाखू, प्रेम पुरोहित ने शिकायत में आरोप लगाय कि श्रमसाध्य भत्ता के देयक परीक्षण के दौरान लिफाफा लेकर उनके अतिरिक्त पारिश्रमिक का भुगतान पारित किया गया। देयक के भुगतान की बारी आई तो पारिश्रमिक काट लिया।