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खुद ही ‘प्यासी हैं पानी की टंकियां, अभी से डरा रहा जलसंकट का भूत

locationजबलपुरPublished: Mar 01, 2019 01:36:06 am

Submitted by:

shyam bihari

शहर में जलसंकट के अभी से बन रहे आसार

खुद ही 'प्यासी हैं पानी की टंकियां, अभी से डरा रहा जलसंकट का भूत

water tank

यह है स्थिति
-149 करोड़ की योजना
-16 टंकियों का होना था निर्माण
-10 टंकियां नए वार्डों में प्रस्तावित
-06 टंकियां शहरी क्षेत्र में प्रस्तावित
-04 साल से चल रहा काम
-06 टंकियां ही अंतिम स्तर पर
-10 टंकियों में पचास फीसदी काम

जबलपुर। हर घर पानी पहुंचाने का नगर निगम का दावा फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा। कहीं टंकिया बन गई हैं, तो कनेक्शन का इंतजार है। कई टंकियों को निर्माण कार्य वर्षों से अधूरा है। दूसरी और टंकियों और पाइप लाइन का रखरखाव ठीक से न होने से पानी व्यर्थ बह रहा है। उधर निगम के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। कुछ टंकियों को जून तक हर हाल में शुरू कर दिया जाएगा।
चार साल से बन रहीं टंकियां
सूत्रों के अनुसार करीब 149 करोड़ की लागत से पानी की टंकियों का निर्माण किया जाना था। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। इसका उद्देश्य हर घर में पानी पहुंचाना था। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के वार्डों को भी इससे जोड़ा गया था। प्रोजेक्ट में देरी होने की वजह चिन्हित क्षेत्रों में अतिक्रमण हो जाना, निर्माणाधीन एजेंसी की सुस्ती, राशि का आवंटन में देरी होना है।
नवम्बर तक बनाने का दावा
नगर निगम के अफसर दावा कर रहे हैं कि जून तक आठ टंकियों को शुरू कर देंगे। टंकियों में अंतिम चरण का काम चल रहा है, जिसे रमनगरा डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से जोडऩे की तैयारी की जा रही है। इसमें कुछ टंकियां अधारताल और पनागर विधानसभा क्षेत्र की हैं। इससे करीब 40 एमएलडी पानी की अतिरिक्त सप्लाई शुरू हो सकेगी। सभी 16 टंकियों से शहर को 80 एमएलडी पानी की अतिरिक्त सप्लाई हो सकेगी।
इन टंकियों में करना है कनेक्शन
करमेता, कुंगवा, सुहागी, खैरी, शिवनगर क्षेत्र में पानी की टंकियां लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। लेकिन इन्हें डिस्ट्रीब्यूशन लाइन और प्लांट से नहीं जोड़ा जा सका है। इन टंकियों को रमनगरा प्लांट से जोड़े जाने से करीब 30 एमएलडी पानी की सप्लाई शुरू हो सकेगी।
ये टंकियां अधूरी
बिलपुरा, वीकल, मड़ई, मानेगांव, रांझी, गोकुलपुर, बेदी नगर, मदन महल, भानतलैया, आधारताल, न्यूकंचनपुर क्षेत्रों में निर्माणाधीन पानी की टंकिया अभी अधूरी है। पचास फीसदी काम भी अब तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में टंकियों को पूरा होने में करीब 6 से 10 माह लगेंगे। यानि इस साल तक एक बड़ी आबादी को जलसंकट से मुक्ति नहीं मिलेगी।
बह रहा पानी
शहर में लगभग 80 पानी की टंकियां हैं। इसमें से पचास फीसदी टंकियां 50 साल पुरानी हैं। इनमें से कई टंकियों की नियमित सफाई न होने एवं रखरखाव के अभाव में भी पानी रिसाव की समस्या बनी है। कहीं लोगो ने पाइप लाइनों में छेद कर दिए हैं तो कहीं अवैध कनेक्शन ले रखे हैं। आधारताल, रद्दीचौकी, बेलबाग, गढ़ा, देवताल क्षेत्रों में ऐसी ही स्थिति है। लीकेज होने से भी हजारों लीटर पानी रोजाना व्यर्थ बह रहा है।
इन क्षेत्रों में जलसंकट
अधारताल, चंद्रशेखर वार्ड, रांझी, व्हीकल, सरदार भगत सिंह वार्ड में लम्बे समय से जलसंकट है। यहां नगर निगम को दिन में एक बार जलापूर्ति करनी पड़ रही है। नए वार्डों में शामिल बिलपुरा, मोहनिया आदि में भी जलसंकट है। गढ़ा, देवताल, चौहानी, क्षेत्र में भी गर्मियों में पानी की किल्लत खड़ी हो जाती है।

सभी टंकियों को पूरा करने का हम प्रयास कर रहे हैं। कुछ टंकियों का निर्माण पूरा हो चुका है। नवम्बर तक सभी टंकियों को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे शहरवासियों को जलसंकट से छुटकारा मिलेगा।
स्वाति गोडबोले, महापौर

-अमृत योजना का काम तेजी से पूरा कराया जा रहा है। पाइप लाइन लीकेज, रिसाव की जानकारी ली जाएगी। सुधारकार्य तत्काल कराए जाएंगे। जलसंकट ग्रस्त टंकियों को पहले निर्माण कराने प्रयास कर रहे हैं।
नवीन रिछारिया, योजना प्रभारी ननि

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