scriptमंच से पर्दे के पीछे तक युवाओं की कला का जलवा | theater: famous theater artist in jabalpur | Patrika News

मंच से पर्दे के पीछे तक युवाओं की कला का जलवा

locationजबलपुरPublished: Mar 27, 2019 06:31:36 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

शहर के युवा अभिनय के अलावा नाटक की अन्य विधाओं पर भी कर रहे फोकस

theater artist

theater artist

जबलपुर. संस्कारधानी में अब नाटकों को लेकर ऐसी परंपरा चल पड़ी है कि हर सप्ताह नाटकों का मंचन किया जा रहा है। खास बात यह है कि नाटकों में युवाओं की भूमिका गजब है। न केवल अभिनय, बल्कि नाटक के विभिन्न पक्षों में भी अपना दखल बढ़ा रहे हैं। वह अभिनय के साथ-साथ स्क्रिप्ट राइटिंग, मेकअप, संगीत, लाइटिंग में भी बेहतर काम करना चाहते हैं। उनका कहना है कि नाटक मंच पर दिखने के साथ-साथ मंच परे की दुनिया होती है। अगर मंच परे भी नाटकों के बारे में सीख लिया तो भविष्य अच्छा होगा। हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह शहर का युवा मंच से लेकर पर्दे के पीछे हुनर का जलवा बिखेर रहा है। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी।

कम उम्र में निर्देशन
पूजा केवट, काम- डायरेक्शन, एक्टिंग
संस्कृत से एमए कर रहीं पूजा केवट कम उम्र में ही अभिनय के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही हैं। अभिनय के साथ-साथ पूजा ने डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया है और उनके डायरेक्शन को दर्शकों ने पसंद भी किया। पूजा ने बताया कि वह कई नाटकों का डायरेक्शन कर चुकी हैं। सबसे पहले उन्होंने ‘मनुष्यों का गड़रिया’ नाटक डायरेक्ट किया। इसके बाद पोस्टर, दावत और पांचाली नाटक का डायरेक्शन किया। पूजा ने बताया कि उन्होंने थिएटर की शुरुआत 2009 से कर दी थी और वह केवल अभिनय तक सीमित नहीं रहना चाहती हैं। उनका मानना है कि रंगमंच के हर पक्षों पर काम करना चाहिए।

कई आर्ट-प्रॉपर्टी को सराहना
गार्गी शंकर, काम- आर्ट डायरेक्शन, अभिनय
गार्गी शंकर बताते हैं कि उन्होंने अभिनय के साथ-साथ आर्ट डायरेक्शन में भी काम करना शुरू किया। आर्ट डायरेक्शन में काम करने का श्रेय वे वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण पांडे को देते हैं। गार्गी क्राफ्ट में अच्छे थे, उनकी इस क्रिएटिविटी को देखते हुए उन्हें आज डायरेक्शन के लिए मोटिवेट किया गया और उन्होंने बेहतर काम किया। गार्गी ने बताया कि भगदत का हाथी नाटक में उन्होंने कई ऐसी प्रॉपर्टी तैयार कि जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। इसके अलावा हाल ही में मंचित प्यासा नाटक में उन्होंने वेस्ट मटेरियल से कैमरा प्रॉपर्टी तैयार की, जिसे भी लोगों ने काफी सराहा।

एक्टिंग के साथ म्यूजिक और स्क्रिप्ट राइटिंग
शुभम अर्पित दत्ता, काम- राइटिंग, डायरेक्शन, म्यूजिक एंड एक्टिंग
अभिनय के अलावा संगीत, लाइटिंग, मेकअप, आर्ट डायरेक्शन हर किसी में परफेक्ट बनना चाहता हूं, ताकि खुद का थिएटर आर्गेनाइजेशन बना सकूं। यह कहना है शुभम अर्पित दत्ता का। शुभम ने युवा उत्सव में अभिनय करने के बाद से ही थिएटर को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया। एक्टिंग से शुरुआत की, डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया। अभी म्यूजिक देने का काम भी कर रहे हैं। नाटकों में म्यूजिक दिया करते हैं। इसके अलावा उन्होंने अभी तक दो नाटक भी लिखे हैं, जिनका मंचन युवा उत्सव में किया जा चुका है।

थिएटर के विभिन्न आयामों पर काम
मनुश्री मिश्रा, काम- एक्टिंग, लाइटिंग, मेकअप, डायरेक्शन।
बतौर दर्शक नाटक से जुड़ी और मन बना लिया कि वे भी मंच पर अभिनय करेंगी। मनुश्री मिश्रा ने इस तरह थिएटर की दुनिया में कदम रखा। अब वे लाइटिंग का काम भी देख रही हैं। रादुविवि में 28 मार्च को आठवां सर्ग नाटक का मंचन होने जा रहा है, जिसमें वे लाइट ऑपरेशन का काम देखेंगी। मनुश्री ने बताया कि इसके अलावा में मेकअप, म्यूजिक पर भी काम करती हैं। उनका कहना है कि वे बतौर निर्देशक काम करना चाहती हैं, इसलिए वे थिटर के विभिन्न आयामों पर काम कर रही हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो