जबलपुर

लग्ज़री बसें क्यों खा रही है यहाँ धूल , कारण जानकर रह जाएंगें हैरान

परमिट के इंतजार में धूल खा रहीं सूत्र सेवा की बसें

जबलपुरMay 04, 2019 / 11:26 am

virendra rajak

यहां लक्जरी बसें तो हैं, लेकिन चल नहीं पा रहीं, कारण जानकर रह जाएंगें हैरान


जबलपुर . सूत्र सेवा की बसों का संचालन अधर में जाता जा रहा है। कारण है जबलपुर आरटीओ से बसों के परमिट जारी न होना। लंबे समय से एक दर्जन बसों को परमिट का इंतजार है। परमिट न मिल पाने के कारण संस्कारधानी प्रदेश के अन्य शहरों को सूत्र सेवा से नहीं जोड़ पा रहा है। पिछले दिनों सागर आरटीओ से तो नए परमिट जारी कर दिए गए, लेकिन जबलपुर आरटीओ से एेसा नहीं हो सका। यही कारण है कि सूत्र सेवा की बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। शासन की योजना होने के बावजूद किसी बस को परमिट नहीं मिला, तो किसी का रजिस्ट्रेशन अब तक अटका हुआ है।
News Facts

यह है स्थिति
कुल बसें आनी थीं:- 51
बसें शहर आईं:-24
एसी बसें:- 18
नॉन एसी बसें:- 06
बसों का संचालन:- 13
परमिट के इंतजार में बसें:- 11
वर्तमान में संचालन
सागर आरटीओ से जारी परमिट
सागर से छतरपुर:- 02
सागर से हटा:- 02
सागर से भोपाल:- 02
सागर से पन्ना:- 01
जबलपुर आरटीओ से जारी परमिट
जबलपुर से छिंदवाड़ा:- 04
जबलपुर से बालाघाट:- 02
इन रुटों का परमिट अटका
जबलपुर से बालाघाट:- 02
जबलपुर से जुन्नारदेव:-02
जबलपुर से डिंडौरी:- 03
जबलपुर से भोपाल:- 02
जबलपुर से कटनी:- 02

नहीं मिला परमिट
बस संचालन का जिम्मा बैंगलूरु की श्रीदुर्गाम्बा ट्रांसको को दिया गया है। ठेके के बाद कंपनी ने अब तक शहर में २४ बसें भेजीं। जेसीटीएसएल के द्वारा बसों के परमिट के लिए जबलपुर आरटीओ में कई महीने पहले आवेदन दिए गए। लेकिन अब तक ११ बसें एेसी हैं, जिनका परमिट ही जारी नहीं किया गया।
बार-बार लग रहा अड़ंगा
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते सूत्र सेवा की नई बसों का परमिट अटक गया, लेकिन इसके बाद जब आरटीओ द्वारा सुनवाई की गई, तो प्रायवेट ऑपरेटर्स ने इसका बहिष्कार कर दिया गया, जिस कारण सुनवाई नहीं हो सकी और परमिट अटक गए। यह प्रक्रिया पूरी हो पाती, इसके पूर्व फिर से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता ने परमिट का मामला अटका दिया।
वर्जन
वर्तमान में २४ बसें आ गई हैं। सागर आरटीओ से बसों के परमिट जारी कर दिए गए हैं, जिसके बाद उनका संचालन शुरू हो गया है। वहीं जबलपुर आरटीओ से परमिट जारी नहीं हो सके हैं, इस कारण बसों का संचालन अब तक अटका हुआ है।
सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल
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