scriptकोरोना ने कब्जे में लिया तो इलाज की कोई गारंटी नहीं | There is no guarantee of treatment if Corona is captured | Patrika News

कोरोना ने कब्जे में लिया तो इलाज की कोई गारंटी नहीं

locationजबलपुरPublished: Sep 19, 2020 07:52:38 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर में गम्भीर मरीजों को बेहतर देखभाल में आ रही समस्या, डेढ़ माह में पांच गुना हुए कोरोना मरीज, फिर भी नहीं बना डेडिकेटेड हॉस्पिटल

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जबलपुर। डेढ़ माह में जबलपुर जिले में कोरोना मरीज बढ़कर पांच गुना से ज्यादा हो गए हैं। गम्भीर कोरोना मरीजों को भर्ती करने में समस्या आने पर आनन-फानन में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोविड बेड बढ़ाकर दोगुने किए गए। लेकिन, लगातार संक्रमित और गम्भीर मरीजों की संख्या बढऩे से स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की तैयारियां बौनी साबित हो रही हैं। भोपाल, इंदौर की तर्ज पर अभी तक शहर में एक भी अस्पताल को कोविड डेडीकेटेड हॉस्पिटल नहीं बनाया गया। शहर के किसी सरकारी अस्पताल को सिर्फ कोविड मरीजों के लिए चुनकर बेहतर उपचार उपलब्ध कराने में भेदभाव का शिकार होने से कोरोना एक्टिव केस बढऩे के साथ मरीजों की मुश्किल बढ़ती जा रही है। एक अदद मेडिकल कॉलेज के भरोसे पूरे अंचल के गम्भीर मरीजों की कोरोना से जंग लडऩे की कवायद से संक्रमण दर बढऩे के साथ व्यवस्था लडखड़़ाती जा रही है।
शहर के लिए बजट की कमी, अलग-अलग प्रस्ताव
कोरोना से जंग में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए शहर में मार्च-अप्रैल में ही किसी एक अस्पताल को कोविड के लिए अधिग्रहित करने का प्रस्ताव दिया गया था। संक्रमण दर बढऩे पर भी किसी एक प्राइवेट अस्पताल को कोविड डेडीकेटेड बनाने पर चर्चा हुई। ऐसी व्यवस्था संक्रमण बढऩे पर इंदौर-भोपाल में लागू की गई। प्राइवेट अस्पताल को सरकार ने लेकर कोरोना मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया। लेकिन, शहर में कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने का प्रस्ताव बजट की कमी की आड़ में रोक दिया गया।
अस्पतालों की स्थिति
मेडिकल कॉलेज अस्पताल- शहर के साथ ही सम्भाग के जिलों और दूसरे अंचल के जिलों से भी गम्भीर कोरोना मरीज रेफर होकर आ रहे है। अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों का उपचार भी जारी है। कोरोना के गम्भीर केस लगातार बढऩे और नॉन कोविड मरीज मिलाकर दोहरा भार हो गया है।
विक्टोरिया अस्पताल- कोविड केयर सेंटर के बाद ऑक्सीजन बेड बढ़ाकर गम्भीर मरीजों के लिए सुविधाएं जुटाई गई है। नए आइसीयू बेड भी तैयार किए जा रहे है। कुछ गम्भीर मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। लेकिन मरीजों को देखने के लिए वार्ड के अंदर तक डॉक्टर नहीं पहुंचने की लगातार शिकायत हो रही है।
प्राइवेट अस्पताल- प्रशासन ने करीब 12 निजी अस्पतालों को कोविड उपचार की अनुमति दी है। इन अस्पतालों ने कोविड वार्ड बनाए गए हैं। इसमें छह से सात अस्पताल ही कोरोना संक्रमित को भर्ती कर रहे हैं। बाकी अस्पताल अभी भी कोरोना मरीज को दूसरी जगह भर्ती होने का परामर्श दे रहे हैं। इलाज कर रहे अस्पताल भी पचास साल से ज्यादा आयु वाले गम्भीर मरीज को भर्ती नहीं कर रहे हैं। कोरोना संदिग्ध की जांच में गम्भीर लक्षण की आशंका पर मेडिकल रेफर कर रहे हैं।

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