बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स
गणित को एक मुश्किल विषय माना जाता है। ऐसे में कुछ छात्र जैसे-तैसे 10वीं तक मैथ्स तो रखते हैं, लेकिन बाद की क्लास में वह मैथ्स नहीं रखना चाहते हैं। इस चीज को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई की ओर से 2019 में घोषणा की गई थी कि 10वीं में मैथमेटिक्स के दो लेवल के पेपर होंगे। एक बेसिक लेवल का और दूसरा स्टैंडर्ड लेवल का पेपर होगा। जो छात्र 10वीं के बाद मैथ्स रखना चाहते हैं उनके लिए स्टैंडर्ड लेवल वाला पेपर होगा और जो छात्र मैथ्स नहीं रखना चाहते वे बेसिक लेवल वाला पेपर दे सकेंगे।
दोनों पेपर में क्या है फर्क
स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स के मुकाबले बेसिक मैथमेटिक्स आसान होगी। लेकिन दोनों में सिर्फ इतना ही फर्क नहीं है। दोनों में वेटेज को लेकर भी फर्क है। बेसिक मैथमेटिक्स में 32 नंबर उन सवालों के लिए अलॉट किए हैं, जिनके लिए फैक्ट्स टम्र्स कॉन्सेप्ट और आंसर याद रखना पड़ता है। स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स में ऐसे ही सवालों के लिए 20 माक्र्स अलॉट किए गए हैं। बेसिक मैथ्स में उन सवालों के लिए 28 नंबर अलॉट है जिसके जरिये किसी स्टूडेंट्स की कॉन्सेप्ट पर पकड़ को आंका जाता है और स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स में उसके लिए 23 माक्र्स अलॉट हैं। फॉमर््युले के आधार पर हल होने वाले सवाल के लिए बेसिक मैथमेटिक्स के पेपर में 12 माक्र्स जबकि स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स के पेपर में 19 माक्र्स होंगे। कुछ ऐसे सवाल जिनमें सूचना का विश्लेषण और मूल्यांकन करके जवाब देना होगा बेसिक मैथ्स के पेपर में उनके लिए 8 माक्र्स जबकि स्टैंडर्ड मैथ्स के पेपर में 18 माक्र्स होंगे।