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ये दिन भी आ गए… अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं मिल रही जगह

locationजबलपुरPublished: Oct 17, 2020 08:09:54 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर के रांझी में एक लाख से ज्यादा आबादी, मुक्तिधाम महज एक
 

Nagar Nigam Jabalpur

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जबलपुर। एक लाख से अधिक आबादी वाले जबलकपुर के रांझी क्षेत्र में एक ही मुक्तिधाम होने से अंतिम संस्कार में परेशानी होती है। पिछले दिनों रांझी बस्ती सर्रापीपल के पास स्थित मुक्तिधाम में पानी के बीच शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा। इससे इस सुविधा के विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही है। स्थानीय लोगों ने भी नगर निगम प्रशासन से सुविधा का विस्तार करने की मांग की है। वर्तमान में रांझी बस्ती में बने मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार होता है। कुछ लोग ग्वारीघाट स्थित मुक्तिधाम में भी अंत्येष्टि करते हैं, लेकिन वहां भी पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण लोग आस-पास ही अंतिम क्रिया करते हैं। पहले एक समिति मुक्तिधाम की देखरेख करती थी, अब कोई धनीधोरी नहीं है। नगर निगम की ओर से किए गए इंतजाम भी नाकाफी हैं। इससे पहले रांझी में बजरंग नगर पहाड़ी पर अंतिम संस्कार किया जाता था। अब वहां छठवीं बटालियन प्रशासन ने फेंसिंग कर दिया है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि पूर्व में जब बसाहट कम थी, तब चंदन कॉलोनी और राधाकृष्ण मंदिर के आसपास अंतिम संस्कार की अस्थायी व्यवस्था थी। उस समय रांझी का स्वरूप ऐसा नहीं था। रावण ग्राउंड के पास भी अंतिम संस्कार होता था। इसी मुक्तिधाम को अब सर्रापीपल रांझी बस्ती में शासकीय भूमि पर शिफ्ट कर दिया गया है।

मोहनिया में सरकारी जमीन पर नया मुक्तिधाम बनाया जा सकता है। इससे सुभाष नगर, बिलपुरा, मानेगांव का आधा हिस्सा और आसपास के लोगों को सुविधा होगी। मानेगांव में भी श्मशानघाट है, लेकिन जगह विवादित है। हालांकि बस्ती के लोग अभी भी यहां अंतिम संस्कार करते हैं। वर्तमान में यहां चारों तरफ कॉलोनियां बन गई हैं। परशुराम कुंड के आसपास के इलाके में भी नया मुक्तिधाम बनाया जा सकता है। केंट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक रोहाणी ने बताया कि रांझी स्थित मुक्तिधाम को व्यवस्थित किया जाएगा। विधायक निधि से विकास और विस्तार के लिए पांच लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। मोहनिया में शासकीय भूमि चिह्नित कर वहां भी नया मुक्तिधाम बनवाने के प्रयास किए जाएंगे।

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