बेलखेड़ा थाना क्षेत्र निवासी युवती की शादी संजीवनी नगर मे हुई है। उसका पति प्राइवेट नौकरी करता है। पत्नी को मायके में बेटा हुआ। छुट्टी नहीं मिलने से पति बेटे को देखने ससुराल नहीं पहुंचा। इससे रिश्तों में ऐसी कड़वाहट आई कि मामला महिला परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गया। काउंसिलिंग में पिता ने हस्तक्षेप का प्रयास किया। काउंसलर ने पति-पत्नी को थोड़ी देर के लिए अलग किया तो बात बन गई। दोनों खुशी-खुशी अपने घर रवाना हुए।
ग्वारीघाट निवासी युवक की शादी पांच साल पहले घमापुर निवासी युवती से से हुआ है। महिला छह महीने से मायके में है। उसकी शिकायत है- ‘पति शराब पीता है। पूरी कमाई मां को दे देता है। उसके लिए एक जेवर तक नहीं बनवाया।Ó महिला की मां व पिता ने काउंसिलिंग के दौरान शर्त रखी कि दामाद शराब छोड़ दे और पूरी कमाई बेटी के हाथ में दे। इस पर बात बनने के बजाय और बिगड़ गई। जबकि पत्नी सिर्फ पति के शराब छोड़ देने पर साथ रहने को तैयार थी। दोनों की काउंसिलिंग जारी है।
सिहोरा निवासी युवती पीएचडी है। पति कम पढ़ा-लिखा है। पत्नी को पति का लो प्रोफाइल पंसद नहीं है। कई बार उसने अपनी सहेलियों के सामने पति का मजाक उड़ाया। दोनों के रिश्तों में इतनी कड़वाहट आ गई कि पत्नी शहर में अलग से कमरा लेकर रहने लगी। उसने परिवार परामर्श केंद्र में काउंसिलिंग के साथ ही कोर्ट में भी खाना-खर्चा का केस लगा दिया। जबकि पति उसे अब भी साथ रखने को तैयार है।
अब तक पहुंचे कुल प्रकरण….९००
समझौता हुआ…….३६५
न्यायालय में गए…… २१५
एफआईआर दर्ज हुई….४२ समस्याएं और शिकायतें
आत्महत्या की धमकी…….१५६
पति का बाहर नौकरी करना…..९०
संयुक्त परिवार की समस्या……. १०५
परिजनों का अनावश्यक हस्तक्षेप…….२०४
पति के नशे की लत …….११५
पत्नी के चरित्र पर संदेह……..९५
परिवार की आर्थिक समस्याएं……..२०४
पति की बेरोजगारी……११५
पत्नी के साथ मारपीट…….११०
मोबाइल पर व्यस्तता………३५
पति-पत्नी के बीच का अंहकार……१७५