पीडि़त को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया जालसाज ने
रांझी थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले 22 वर्षीय युवक को न्याय सेवा सदन विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया में भृत्य बनवाने के नाम पर 45 हजार रुपए ऐंठ लिए। जालसाज ने पीडि़त को एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। 20 मई को उसे पद ग्रहण के लिए दतिया बुलाया था। आदेश पत्र में सील-साइन न होने पर उसे संदेह हुआ। युवक ने शनिवार को रांझी थाने में आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार छुई खदान सतपुला बाजार के पास रहने वाला गोपाल सिंह मोहबिया को उसके पूर्व पड़ोसी टीकाराम ने विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया में भृत्य बनवाने के लिए कुछ समय पहले ले गया था। दो दिन तक रखने के बाद उसे वापस भेज दिया। 28 अप्रैल को टीकाराम ने उसे एक नियुक्ति आदेश दिया। इसमें 17 मई को दतिया आना था और 20 मई को पद ग्रहण करना लिखा था। 30 अप्रैल को उसने इसके एवज में 45 हजार रुपए ऐंठ भी लिए। गोपाल के पिता गजराज ने नियुक्ति पत्र सहयोगी को दिखाया। नियुक्ति पत्र में सील न देख सहयोगी ने संदेह व्यक्त किया। मामले की पड़ताल की तो पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है।
रांझी थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले 22 वर्षीय युवक को न्याय सेवा सदन विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया में भृत्य बनवाने के नाम पर 45 हजार रुपए ऐंठ लिए। जालसाज ने पीडि़त को एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। 20 मई को उसे पद ग्रहण के लिए दतिया बुलाया था। आदेश पत्र में सील-साइन न होने पर उसे संदेह हुआ। युवक ने शनिवार को रांझी थाने में आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार छुई खदान सतपुला बाजार के पास रहने वाला गोपाल सिंह मोहबिया को उसके पूर्व पड़ोसी टीकाराम ने विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया में भृत्य बनवाने के लिए कुछ समय पहले ले गया था। दो दिन तक रखने के बाद उसे वापस भेज दिया। 28 अप्रैल को टीकाराम ने उसे एक नियुक्ति आदेश दिया। इसमें 17 मई को दतिया आना था और 20 मई को पद ग्रहण करना लिखा था। 30 अप्रैल को उसने इसके एवज में 45 हजार रुपए ऐंठ भी लिए। गोपाल के पिता गजराज ने नियुक्ति पत्र सहयोगी को दिखाया। नियुक्ति पत्र में सील न देख सहयोगी ने संदेह व्यक्त किया। मामले की पड़ताल की तो पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है।