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Ayodhya historical verdict- हमें यूं ही नहीं कहते संस्कारधानी, बहुत प्यारा है नर्मदा का पानी

locationजबलपुरPublished: Nov 09, 2019 08:21:41 pm

Submitted by:

shyam bihari

Ayodhya historical verdict- बड़े फैसले के बाद भी अलमस्त है यह शहर
 

हमें यूं ही नहीं कहते संस्कारधानी, बहुत प्यारा है नर्मदा का पानी

police

जबलपुर। कोई कुछ भी कहे। लेकिन, अयोध्या मामले जैसे ऐतिहासिक फैसले के बाद जबलपुर शहर अपने में अलमस्त है। 11 नवम्बर 2019 को इस शहर ने साबित किया कि वह प्रेम से रहना जानता है। इसने बताया कि हमें यूं ही संस्कारधानी नहीं करते। असल में हमारी नर्मदा का पानी बहुत प्यारा है। संस्कारधानी वासियों ने साम्प्रदायिक सद्भाव शानदार परिचय दिया। हालांकि, फैसले के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन सुबह से ही अलर्ट मोड पर था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था। फैसले को लेकर सुबह से लोगों में उत्सुकता थी। सुबह 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच फैसला सुनाया गया। उस दौरान शहर की सड़कों पर सन्नाटा था। लोग घरों में टीवी के सामने थे।
पुलिस-प्रशासन ने दी नजीर
जबलपुर के कलेक्टर भरत यादव व एसपी अमित सिंह सुबह से ही गश्त करने लगे। दोनों अधिकारियों ने पुलिसबल के साथ आम लोगों को बताया कि शांति से रहने के लिए अपने अतीत से सीख लें। इस दौरान अधिकारियों ने लोगों से संवाद भी किया। अमन-चैन बनाए रखने के लिए जिला दंडाधिकारी ने आदेश जारी कर शहर में पटाखे विक्रय, खरीदने व बेचने पर रोक लगा दी है। इस बीच एसपी अमित सिंह ने ड्यूटी के दौरान मोबाइल पर व्यस्त पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया। पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर उनके मोबाइल जब्त किए गए।
लोग बोले सब अच्छा है
शहर के आम से लेकर खास लोगों ने फैसले का स्वागत किया। उनका कहना था कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए। संस्कारधानी में सभी मिलजुलकर त्योहार मनाते हैं। यहां के सद्भाव का संदेश पूरे देश में जाना चाहिए। मेरी अपील है शहर का अमन चैन पूरी तरह से कायम रहे। यह भी कहा गया कि रामजन्म भूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। अब अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बने। इससे देश में शांति और सद्भाव का संदेश जाएगा। सभी पक्षों को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए। दोनों धर्म के लोग इसका सम्मान करेंगे। कुछ का कहना था कि सर्वोच्च न्यायलय के फैसले का सभी सम्मान करते हैं। संस्कारधानी के लोग आपसी भाई-चारा के साथ रहते हैं। यहां का साम्प्रदायिक सद्भाव सदैव कायम रहा है। यह बहुत ही संतुलित फैसला है। इसे हिंदुस्तान के हर नागरिक को कबूल करना चाहिए। अयोध्या अब कोई मसला नहीं रह गया।

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