बेरोजगारों को नौकरी का झांसा दे, बैंक फ्रॉड करने वाला गैंग सक्रिय, ठगी का नया पैंतरा पढकऱ रह जाएंगे सन्नबैंक फ्राड करने वाली गैंग ने अपनाया नया हथकंडा, खाता खुलवाकर एटीएम स्वयं रखते हैं और उसी एटीएम से करते हैं लेनदेन
जबलपुर•Apr 22, 2019 / 10:49 am•
santosh singh
जबलपुर। बैंक कर्मी बनकर लोगों के खातों से पैसे निकालने वाले शातिर जालसाज अब बेरोजगार युवकों को अपना मोहरा बना रहे हैं। पश्चिम बंगाल से फर्जी सिम के माध्यम से ठगी करने वाले ये जालसाज अब ऐसा हथकंडा अपना रहे हैं कि पुलिस की हर तरकीब उन तक पहुंचने में फेल हो जाएगी। ये शातिर फर्जी कम्पनियों और फर्म के नाम से अलग-अलग शहरों में जॉब का ऑफर देते हैं। फिर इनके नाम पर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाते हैं। आवश्यक दस्तावेज व उनके एटीएम आदि भी खुद रख लेते हैं और फिर ठगी की रकम का ट्रांजेक्शन कर दूसरे शहरों में एटीएम के माध्यम से निकाल लेते हैं।
केस-एक
जून 2018 में बेलबाग निवासी अजय कुमार अधिकार को आठ हजार पर हार्डवेयर कम्पनी में नौकरी पर रखा गया। शहर में उसके अलग-अलग तीन बैंकों में खाते खुलवाए गए। इन खातों में 40 लाख का 18 दिन में ट्रांजेक्शर कर नौकरी पर रखने वाला फरार हो गया। अब वह खुद एटीएम ठगी के प्रकरण में आरोपी बना हुआ है।
केस-दो
जून 2018 में ही शशांक विश्वकर्मा को भी इसी तरह एक कम्पनी में जॉब का ऑफर दिया गया। उसके शहर के दो बैंकों में खाते खुलवाए गए। उसके खातों में 10 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ और फिर नौकरी पर रखने वाला मालिक फरार हो गया। अब वह भी एटीएम ठगी मामले में आरोपी है।
ऐसे हुआ खुलासा-
बिहार के मोतिहारी में एक व्यापारी के खाते से 40 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन जबलपुर के बेलबाग निवासी अजय अधिकार के नाम के तीन बैंक खातों में किया गया। वहां दर्ज धोखाधड़ी के प्रकरण में कोर्ट से जारी वारंट से इस फर्जीवाड़ा सामने आया। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गयी है। अजय अधिकार ने क्राइम ब्रांच को दर्ज कराए गए बयान में बताया कि जून 2018 में उसने एक हार्डवेयर कम्पनी में जॉब का विज्ञापन देखा। सम्पर्क किया तो अविनाश सिंह ठाकुर नाम के व्यक्ति से उसकी बात हुई। अविनाश ने उसे माढ़ोताल मेडिकल गली शारदा मंदिर के पास स्थित अपने ऑफिस में बुलाया। उसके ऑफिस पर आइएमटी सर्विस नाम का बोर्ड लगा था।
तीन बैंकों में खुलवाए खाते-
नौकरी देने के नाम पर अविनाश ने अजय से आधार कार्ड, पेन कार्ड, दो पासपोर्ट लेकर तीन बैंकों में गंजीपुरा में तीन खाते खुलवाए थे। तीनों के एटीएम खुद रख लिया था। इसी एटीएम से ठगी की रकम अलग-अलग शहरों से निकाली गई।
बैंक फ्रॉड करने वालों की होती है कई लेयर-
एटीएम और बैंक फ्रॉड से जुड़े जालसाजों की कई लेयर होती है। वे नौकरी देने का झांसा देकर बेरोजगारों के नाम पर खाते खुलवाते हैं और फिर एटीएम सहित अन्य दस्तावेज भी स्वयं रख लेते हैं। लोगों को स्वयं सतर्क रहना चाहिए। अपने दस्तावेज व एटीएम सहित स्वयं ही रखना चाहिए।
विपिन ताम्रकार, निरीक्षक, साइबर सेल