जबलपुर। रेलवे स्टेशन में यात्रियों से अधिक कीमत वसूलने के बाद भी खराब खाद्य सामग्री परोसी जा रही है। बासी और सड़े-गले खाद्य सामग्री का सेवन करके यात्री बीमार हो रहे है। चौंकाने वाली बात ये है कि खराब खाद्य सामग्री बेचने की शिकायत उस रेलवे स्टेशन से ज्यादा आ रही है जहां से ट्रेनों का संचालन अधिक हो रहा है। ट्रेनों और यात्रियों की भरमार के बीच स्टेशन के फूड स्टॉल से लेकर वेंडरों तक लोगों को ठग रहे है। गरमा-गरमा पावभाजी, समोसे और बिरयानी के नाम पर खराब खाद्य सामग्री बेच रहे है। जिन्हें खाते ही यात्री अस्पताल पहुंच रहे है। गुरुवार को यशवंतपुर-लखनऊ ट्रेन के एक यात्री ने जैसे ही
समोसा खाया उसे उल्टियां होने लगी। जबलपुर में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद यात्री की हालत में सुधार हुआ।
ये है मामला यशवंतपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली ट्रेन क्रमांक 12539 के बी-2 कोच की बर्थ-1 पर यात्रा कर रहे विवेक पांडे को भूख लगी तो उसने इटारसी स्टेशन के एक स्टॉल में बिक रहे दो समोसे खरीदकर खा लिए। इसके कुछ देर बाद ही विवेक को उल्टियां होने लगी। उसकी हालत खराब होते देख ट्रेन में सवार अन्य यात्री घबरा गए। उन्होंने तत्काल कंट्रोल रूम को जानकारी दी। इसके बाद जबलपुर स्टेशन पर यात्री को उपचार मुहैया हुआ। चिकित्सक की दवा के बाद उसकी हालत में सुधार आया।
डॉक्टर का दावा एसीडिटी, यात्रियों का कहना खराब सामग्री इटारसी स्टेशन पर बिक रहे समोसे को खाकर यात्री की तबियत कुछ देर बाद ही बिगड़ा शुरू हो गई। जबलपुर पहुंचते तक यात्री की हालत गंभीर हो गई। लेकिन जबलपुर स्टेशन पर जांच के बाद डॉक्टर ने जैसे ही दवा की खुराक दी उसके कुछ मिनट के अंदर ही यात्री की हालत में सुधार होना शुरू हो गया। हालांकि डॉक्टर का कहना है कि एसीडिटी होने के कारण भी यात्री को उल्टी हो सकती है। लेकिन कोच में सवार अन्य यात्रियों का कहना था कि इटारसी स्टेशन में खराब खाद्य सामग्री मिलने और उसके सेवन से ही विवेक की तबियत बिगड़ी है।
दो दिन पहले केवि की छात्राओं को अस्पताल में किया था भर्ती इटारसी रेलवे स्टेशन में खराब खाद्य सामग्री की बिक्री का यह पहला मामला नहीं है। दो दिन पहले ही यशवंतपुर-पाटलिपुत्र ट्रेन में सफर कर रही केंद्रीय विद्यालय की कुछ छात्राओं ने इटारसी स्टेशन से पावभाजी खरीदकर खाया था। पावभाजी खाने के कुछ देर बाद ही करीब 20 छात्राओं को उल्टियां शुरू हो गई। तीन छात्राओं की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें बीच सफर में ही ट्रेन से उताकर अस्पताल में दाखिल करना पड़ा।