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देश सेवा के लिए इस स्कूल में तैयार होते हैं ‘बच्चे ’

locationजबलपुरPublished: Jan 26, 2019 12:31:54 am

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

स्कूल में मिलती है सेना और एनडीए की ट्रेनिंग, कोई कैप्टन की रैंक तक पहुंचा तो कोई पैदल सेना टुकड़ी में संभाल रहा मोर्चा

Indian Army Recruitment

Indian Army

जबलपुर। इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ देश सेवा का भी पाठ पढ़ाया जाता है। बच्चों को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने के साथ ही मानसिक रूप से मजबूत बनाने का काम किया जाता है। भले ही यह सैन्य स्कूल न हो लेकिन यहां सेना की तरह ट्रेनिंग बच्चों को दी जाती है। हम बात कर रहे हैं शासकीय पं. लज्जाशंकर झॉ मॉडल स्कूल की। पिछले दो सालों के दौरान एक दो नहीं बल्कि आधा सैकड़ा छात्र देश सेवा के लिए तैयार किए गए। इस समय कोई भारत की पैदल सेना में शामिल होकर देश सेवा में जुटा है तो कोई कैप्टन रैंक तक पहुंचा।

रिटायर्ड कर्नल, मेजर दे रहे ट्रेनिंग

स्कूल में पिछले दो सालों से रिटायर्ड कर्नल एवं मेजर छात्र-छात्राओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। रिटायर्ड मेजर अशोक कुमार सिंग्नल में थे जो सितंबर 2013 में सेवानिवृत्त हुए। वहीं कर्नल पीपी यादव एफएम सेंट्रल आर्डिनेंस डिपार्टमेंट में पदस्थ थे। वे 2015 में सेवानिवृत्त हुए। इस बीच स्कूल के संपर्क में आए और बच्चों को आर्मी के लिए ट्रेंड करने की योजना पर काम किया।

आधा सैकडा़ छात्र चयनित

मेजर अशोक कुमार कहते हैं कि शुरुआत में बच्चों को समझाने में जरूर दिक्कत हुई। 2-3 बच्चों के साथ शुरुआत हुई लेकिन अब यह संख्या 150 बच्चों तक पहुंच गई। जिनकी नियमित कक्षाएं लगती है। देश प्रेम का जज्बा और सेना में आगे बढऩे के ढेर सारे अवसर, कुछ कर गुजरने की ललक ने अब छात्र सेना में कॅरियर बनाने की दिशा में आगे आ रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने भी हाल ही में सिक्योरिटी पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।

-बेलखेड़ा के रहने वाले अंकित पालिया वर्तमान में कैप्टन के रूप में मथुरा में पदस्थ हैं। पिता विनोद मूलत: किसान है। दो वर्ष पूर्व एनडीए से चयन हुआ।

-टेमरभीटा निवासी कौशलपुरी गोस्वामी का सेना में चयन हुआ। वर्तमान में अहमद नगर आर्टलरी पैदल सेना में ओपीआर के पद पर पदस्थ हैं। पिता दामोदर पेशे से कृषक हैं। कौशल की स्कूली शिक्षा मॉडल स्कूल से हुई।

-मैहर निवासी प्रांजल तिवारी एयरफोर्स में पिछले वर्ष चयनित हुए। वर्तमान में बैलगांव में एयर मैन के रूप में पदस्थ हैं। उनके पिता सत्येंद्र पेशे से निजी स्कूल में शिक्षकीय कार्य कराते हैं।

-पढ़ाई के साथ ही मिल्ट्री के लिए भी बच्चों को ट्रेंड किया जाता है। सेवानिवृत्त मेजर, कर्नल अपनी सेवाएं स्कूल में देते हैं। कई बच्चों का चयन सेना में होना यह स्कूल के लिए भी गर्व की बात है।

-वीणा बाजपेयी, प्राचार्य मॉडल स्कूल

-छात्रों को शारीरिक रूप के साथ मानसिक रूप से भी तैयार करते हैं। डिफेंस, कम्यूनिकेशन से लेकर इंडियन कांस्टीट्यूशन से परिचित कराया जाता है। बहुत से बच्चे सेना के लिए चयनित हुए हैं।

-अशोक कुमार, रिटायर्ड मेजर, प्रशिक्षक

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