खतरनाक है यह स्टेशन, पहुंचने के पहले लुट सकते हैं आप…देखें यह खबर
जबलपुरPublished: May 15, 2019 11:41:19 am
यदि आप ट्रेन में यात्रा करते हैं, तो इस स्टेशन पर पहुुंचने के पहले जरा संभल जाएं, क्योंकि यहां आप लूट, चोरी और डकैती जैसी संगीन वारदात का शिकार हो सकते हैं। देश के दिल में बसे इस शहर का रेलवे स्टेशन बहुत ही खूबसूरत है, लेकिन ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के पहले होता है कुछ एेसा, जो देता है वारदातों को आमंत्रण
This station is dangerous, you can loot before reaching …
आउटर पर खड़ी ट्रेनों में लूट और डकैती जैसी वारदातों का अंदेशा
कटनी और इटारसी आउटर पर खड़ी हो जाती हैं ट्रेनंे
जबलपुर. मुख्य रेलवे स्टेशन आने-जाने वाली ट्रेनों में इन दिनों चोरी, लूट और डकैती जैसी संगीन वारदातों का खतरा मंडरा रहा है। दिन का वक्त तो किसी तरह गुजर जाता है, लेकिन रात में यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे होती है, क्योंकि दर्जनों ट्रेनों को आउटर पर खड़ा कर दिया जाता है। आश्चर्य है कि वहां न तो जीआरपी पेट्रोलिंग करती है और न ही आरपीएफ।
दर्जनों ट्रेन, लम्बा इंतजार
कटनी और इटारसी की ओर से आने वाली दर्जनों टे्रनों को रोजाना आउटर पर ही रोक दिया जाता है। ये ५ से २० मिनट तक आउटर पर खड़ी रहतीं हैं। दिन में अक्सर कुछ यात्री आउटर पर ही उतर जाते हैं। एेसे में अन्य ट्रेन गुजरने पर जान का खतरा भी रहता है।
ये हैं खतरनाक स्पॉट्स
कहां- लोको तलैया के पास
क्यों- प्लेटफार्म एक या तीन पर ट्रेनें खड़ी होने के कारण
क्या अंदेशा- कटनी की तरफ से आने वाली ट्रेनों को इस आउटर पर रोका जाता है। यह इलाका सुनसान रहता है। यहां कोई वारदात हो जाए, तो आरोपी लोको तलैया, रेलवे ब्रिज क्रमांक एक से और सिविल लाइंस की तरफ आसानी से भाग सकते हैं। रात में यह इलाका ज्यादा खतरनाक होता है।
कहां- रेलवे ब्रिज क्रमांक दो
क्यों- प्लेटफार्म क्रमांक दो व पांच पर ट्रेनें होने के कारण
क्या अंदेशा- इटारसी की तरफ से आने वाली ट्रेनों को इस आउटर पर रोका जाता है। यह जगह सीधे सड़क से जुड़ी हुई है, अपराधी आसानी से रेलवे क्वार्टर के सामने और ब्रिज के बाजू से ट्रेन तक पहुंच सकते हैं, और भाग सकते हैं।
रोजाना आने-जाने वाली ट्रेनें- 120
जबलपुर से शुरू होने वाली ट्रेनें-16
रोजाना के यात्री-50000
इन ट्रेनों की ज्यादा मुसीबत
पैसेंजर और एक्सप्रेस
रात में खौफ में रहते हैं यात्री
रात में आउटर पर ट्रेन रोके जाने पर यात्री खौफ में रहते हैं। ट्रेन के भीतर तो उजाला होता है, लेकिन बाहर दूर-दूर तक अंधेरा रहता है। एेसे में यदि कोई टे्रन में चढ़ जाए, तो यात्रियों को इसकी भनक तक नहीं लगेगी और संगीन वारदात हो सकती है।
इसलिए है खतरनाक
गर्मी के दिनों में रात में लूट और डकैती की वारदातें होने का खतरा रहता है। आउटर पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।