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जबलपुर

इस बार चार दिन ही मनाया जाएगा दीपावली का महापर्व

12 नवंबर की शाम से लगेगी त्रयोदशी तिथि, 14 को दीवाली के साथ रूप चौदस भी मनेगी
 

जबलपुरNov 12, 2020 / 09:00 pm

shyam bihari

diwali 2020

DIWALI 2020: धनतेरस से पंचदिवसीय पर्व, दीपों से जगमगाएंगे घर-प्रतिष्ठान

 

जबलपुर। धनतेरस से लेकर भाई दूज तक चलने वाला परम्परागत पांच दिवसीय दीपावली का महापर्व इस वर्ष चार दिन का ही होगा। धनतेरस 12 एवं 13 नवम्बर दो दिन मनाई जाएगी। 14 नवम्बर को एक ही दिन रूप चौदस के बाद दीपावली का भी पूजन होगा। 15 को गोवर्धन पूजा व 16 को भाई दूज के साथ महापर्व का समापन होगा। जबलपुर में भी इस बार अलग माहौल है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 12 व 13 नवंबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार त्रयोदशी 12 नवंबर की शाम से लगेगी। ऐसे में धनतेरस की खरीदारी 12 नवंबर को भी की जा सकेगी। हालांकि उदया तिथि में त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में धनतेरस का पूजन 13 नवंबर को किया जाएगा।
दोपहर तक चतुर्दशी, शाम को दीवाली
इस साल छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 14 नवंबर को मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी पर स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.23 से सुबह 6.43 बजे तक रहेगा। चतुर्दशी तिथि 14 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगी। इसके बाद अमावस्या लगने से दिवाली भी इसी दिन मनाई जाएगी। पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार 15 नवंबर की सुबह 10.00 बजे तक ही अमावस्या तिथि रहेगी। अमावस्या तिथि में रात में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। ऐसे में दिवाली भी इस साल 14 नवंबर को मनाई जाएगी। 15 नवंबर 2020 को गोवर्धन पूजा होगी और अंतिम दिन 16 नवंबर को भाई दूज या चित्रगुप्त जयंती मनाई जाएगी।
शनिवार का योग है मंगलकारी
पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि इस बार नवरात्रि स्थापना शनिवार को थी और दिवाली भी शनिवार को है। यह एक बड़ा ही मंगलकारी योग है। शनि स्वाग्रही मकर राशि पर है। यह योग व्यापार के लिए लाभकारी एवं जनता के लिए शुभ फलदाई रहेगा। कई वर्ष बाद यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। तंत्र पूजा के लिए दीपावली पर्व को विशेष माना जाता है।

शनिवार की शाम करीब 7 बजे मंगल मीन राशि में मार्गी हो रहा है। 22 दिसंबर 2020 तक मंगल इसी राशि में मार्गी रहेगा, इसके बाद ये ग्रह अपनी राशि मेष में प्रवेश करेगा। मार्गी यानी मंगल सीधा चलने लगेगा। सूर्य, चंद्र, मंगल और बुध और शुक्र एक संयोग 48 साल बाद बना है। दीपावली पर मंगल मीन राशि में रहकर कन्या राशि के शुक्र पर दृष्टि डालेगा। सूर्य-बुध और चंद्र तुला राशि में रहेंगे। इस साल से पहले दीपावली पर ऐसा संयोग 1972 में 48 साल पहले बना था। जब मंगल मीन राशि में था और कन्या राशि के शुक्र पर दृष्टि डाल रहा था। उस समय भी सूर्य-बुध और चंद्र तुला राशि में ही थे। दीपावली की रात मंगल मार्गी हो जाने से तंत्र पूजन के लिए शुभ योग बनेंगे। दीपावली पर शनि मकर में और गुरु धनु राशि में रहेगा, इनकी वजह से व्यापार श्रेष्ठ रहेगा।

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