ये प्रदेश हैं प्रभावित
मप्र के अलावा हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार और गुजरात क्षेत्र भी शामिल है। प्रदेश के ग्वालियर, भिंड, मंदसौर, नीमच आदि क्षेत्रों में नील गायों से फसलों को नुकसान पहुंचा है। बेहद तेज और चालाक
नील गाय को पकडऩा आसान नहीं है। यह चीते की तरह तेज और चालाक होती हैं। नीलगायों को पकडऩे और अभ्यारण्यों में स्थानांतरित करने के प्रयास असफल हुए। कुछ राज्यों में नील गायों को मारने की अनुमति किसानों ने मांगी है।
चंद गायों को पकडऩे में 42 लाख खर्च
मंदसौर जिले में एक वर्ष पूर्व वन विभाग ने 27 नल गायों को पकड़ा। जिन्हें गांधी सागर अभ्यारण्य भेजा गया। इस पूरी कवायद में 42 लाख रुपए से अधिक खर्च हो गए।
मप्र के अलावा हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार और गुजरात क्षेत्र भी शामिल है। प्रदेश के ग्वालियर, भिंड, मंदसौर, नीमच आदि क्षेत्रों में नील गायों से फसलों को नुकसान पहुंचा है। बेहद तेज और चालाक
नील गाय को पकडऩा आसान नहीं है। यह चीते की तरह तेज और चालाक होती हैं। नीलगायों को पकडऩे और अभ्यारण्यों में स्थानांतरित करने के प्रयास असफल हुए। कुछ राज्यों में नील गायों को मारने की अनुमति किसानों ने मांगी है।
चंद गायों को पकडऩे में 42 लाख खर्च
मंदसौर जिले में एक वर्ष पूर्व वन विभाग ने 27 नल गायों को पकड़ा। जिन्हें गांधी सागर अभ्यारण्य भेजा गया। इस पूरी कवायद में 42 लाख रुपए से अधिक खर्च हो गए।
यह है स्थिति
15 लाख की आबादी भारत में
01 लाख की आबादी प्रदेश में
120 से 250 किलो वजनी
21 वर्ष औसत आयु
04 से 6 फीट ऊंचाई
02 से 3 बच्चे एक साथ जन्म कई राज्यों में फसलों के लिए नील गाय चुनौती बन गई है। इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है। हम ऐसी वैक्सीन बनाएंगे जहां बर्थ पापुलेशन को कम करेगी। वीयू के प्रोजेक्ट को कृषि मंत्रालय ने अनुमति प्रदान कर दी है।
डॉ. पीडी जुयाल, कुलपति वेटरनरी विवि
15 लाख की आबादी भारत में
01 लाख की आबादी प्रदेश में
120 से 250 किलो वजनी
21 वर्ष औसत आयु
04 से 6 फीट ऊंचाई
02 से 3 बच्चे एक साथ जन्म कई राज्यों में फसलों के लिए नील गाय चुनौती बन गई है। इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है। हम ऐसी वैक्सीन बनाएंगे जहां बर्थ पापुलेशन को कम करेगी। वीयू के प्रोजेक्ट को कृषि मंत्रालय ने अनुमति प्रदान कर दी है।
डॉ. पीडी जुयाल, कुलपति वेटरनरी विवि