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यहां तारीख पे तारीख ही नहीं मिलती, पलक झपकते हल हो जाते हैं जानी दुश्मनों के भी मामले

locationजबलपुरPublished: Dec 15, 2019 06:53:59 pm

Submitted by:

shyam bihari

तीन अरब रुपए के अवॉर्ड, डिक्री, मुआवजा, वसूली आदेश पारित
Three billion rupees award, compensation, recovery order passed

जबलपुर। अदालतों में सिर्फ तारीखें ही नहीं मिलतीं, वहां वर्षों पुराने मामले पलक झपकते निराकृत भी हो जाते हैं। इसका नजारा मप्र सहित जबलपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालतों में देखने को मिला। जरा सी बात पर एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए दो सगे भाई जब बरसों बाद मिले तो दोनों की आंखों से आंसू बह निकले। छोटे भाई ने बड़े भाई के पैर छूकर उसे शाल श्रीफल और एक पेन भेंटकर सम्मानित किया, तो बड़े भाई ने भी उसे गले लगाकर बांहों में भर लिया। इसी तरह के पुराने व लंबित मामलों सहित प्रदेश भर में आयोजित की गई नेशनल लोक अदालत के दौरान 56 हजार से अधिक प्रकरण समझौते के आधार पर निपटाए गए।
जबलपुर निवासी दो सगे भाइयों के बीच मकान को लेकर विगत कई वर्षों से प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था। आपसी मतभेद के कारण प्रकरण का निराकरण नहीं हो पा रहा था। नेशनल लोक अदालत खंडपीठ के सदस्य एडवोकेट शशांक शुक्ल की पहल पर न्यायाधीश निमिष राजा की पीठ ने दोनो भाईयों को समझाइश देकर मामले का निराकरण कराया।
मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उप सचिव धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में 3 अरब से अधिक के अवार्ड, डिक्री, मुआवजा, वसूली आदेश पारित हुए। प्री-लिटिगेशन के 36 हजार 546 व न्यायालयों में लंबित 19 हजार 619 मामलों का निराकरण हुआ। हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव राजीव कर्महे ने बताया कि हाई कोर्ट में 2 हजार 613 मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे, जिनमें से 622 मामले दोनों पक्षों की सहमति से निराकृत हो गए। सुनवाई के लिए 9 खंडपीठ गठित की गई थीं। इस बार नेशनल लोक अदालत के जरिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से पारिवारिक विवाद सबसे ज्यादा निपटने की सूचनाएं प्राप्त हुईं।
एक-दूजे को फिर पहनाई माला
जबलपुर निवासी पति-पत्नी आपसी मतभेद के कारण एक साथ रहने को तैयार नहीं थे। 2017 से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे दोनों मानसिक रूप से हलाकान थे। लेकिन कोई झुकने को तैयार नहीं था। एडीजे अनुराधा शुक्ला व वकीलों की समझाइश का तत्काल असर हुआ। पति-पत्नी ने विवाह की गरिमा को बरकरार रखने का संकल्प ले लिया। दोनों ने अदालत में ही एक बार फिर एक-दूजे को माला पहनाई व साथ में घर गए।
साथ नहीं छोड़ेंगे
जबलपुर निवासी पति ने दाम्पत्य जीवन पुर्नस्थापना को लेकर पत्नी के खिलाफ केस दायर किया था। एडीजे दीपक कुमार पांडे न दोनों पक्षों को खूब समझाइश दी । कई बार हिचकने के बाद अंतत दोनों मान गए। दोनो ने लंबित मामले में समझौता कर लिया। साथ न छोडऩे की कसम खाकर दोनों हाथ में हाथ थामें कोर्ट रूम से बाहर निकले।
परिवार बचा
जिले की ही निवासी एक और पत्नी ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस लगा रखा था। जेएमएफसी सांहगी दुग्गल न पत्नी को काफी देर बैठा कर समझाया। परिणाम यह हुआ कि उसने पति को माफ कर दिया। पति ने भी गलती न दोहराने की सौगंध खाई। इस तरह एक और परिवार टूटने से बच गया। दोनों को अदालत से माला पहनाकर विदा किया गया। जेएमएफसी राजेश कुमार यादव की कोर्ट ने चेक बाउंस के कुल 108 मामलों का निपटारा कर कीर्तिमान बनाया। 42 लाख रु का चेक बाउंस का केस विशेष रहा। कुल 6 करोड़ रुपए के विवाद हल कर दिए गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के सचिव शरद भामकर ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में कुल 6010 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

प्रदेश भर में नेशनल लोक अदालत में रखे गए मामले
प्री-लिटिगेशन—3 लाख 64 हजार 255
-36 हजार 546 मामले – निराकृत
-39 करोड़, 61 लाख, 99 हजार 161 रुपए के अवार्ड
न्यायालयों के लंबित प्रकरण -1 लाख 36 हजार 112
-19 हजार 619 – निराकृत
-2 अरब, 71 करोड़, 53 लाख, 76 हजार 542 रुपए के अवार्ड

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