थायराइड की बीमारी को लेकर अभी भी जागरुकता की कमी है। अधिकतर पीडि़त बीमारी के लक्षण को नजरअंदाज करते हैं। समय पर उपचार नहीं मिलने से समस्या बढ़ जाती है। इससे थायराइड ग्रंथी की हाइपोथायरॉइडीजम, हाइपरथयारॉईडीजम, थायरॉडईटीस, गॉयटर, नोड्यूल, थाईराई कैंसर का खतरा होता है। बचाव के लिए समय-समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है।
डॉ. आशीष डेंगरा, मोटापा एवं थायराइड विशेषज्ञ