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कान्हा नेशनल पार्क में उम्रदराज बाघ ने छोड़ा कोर एरिया
मुन्ना के जंगल में बजरंग का राज
गाइडों की रोजी-रोटी में खास भूमिका निभाने वाले मुन्ना की टेरीटरी बदलने से पर्यटकों का रुझान भी बदल रहा है। उसके दीदार की चाह में कुछ पर्यटक बफर का टिकट बुक करा रहे हैं। कान्हा नेशनल पार्क में बाघ टी-17 को मुन्ना के नाम से जाना जाता है। शुरुआती दौर से इसकी टेरीटरी कान्हा रेंज थी। पर्यटकों को अक्सर उसके दीदार हो जाते थे। गाइड भी मुन्ना के नाम पर बुकिंग कराते थे। अब उसकी टेरीटरी में बजरंग के नाम से जाने वाले तगड़े बाघ टी-64 और जामुन टोला मेल टी-24 का कब्जा हो गया है।
मुन्ना के चेहरे पर ‘कैट’
बाघ मुन्ना की उम्र करीब 14 साल होगी। वन अधिकारियों को आशंका थी कि उम्रदराज बाघ मुन्ना टेरिटोरियल फाइट में जख्मी हो जाएगा, लेकिन, उसने अपनी टेरीटरी ही बदल ली। संयोग है कि मुन्ना के चेहरे पर अंग्रेजी भाषा में कैट लिखा हुआ प्रतीत होता है। इस कारण भी वह ज्यादा मशहूर हुआ। अधिकारियों के अनुसार सीजन में खटिया बफर में पहले औसतन चार-पांच वाहनों में पर्यटक जाते थे। कई वाहनों में पर्यटक बाघ का दीदार करने पहुंच रहे हैं।
उम्रदराज होने के बावजूद बाघ मुन्ना पूरी तरह सक्रिय है। उसकी टेरीटरी कान्हा कोर के बजाय किसली और खटिया बफर हो गई है। जानकार पर्यटक टिकटों की बुकिंग कराते समय उसके अनुमानित एरिया को भी ध्यान में रखते हैं।
– अंजना सुचिता तिर्की, डिप्टी डायरेक्टर, बफर, कान्हा नेशनल पार्क