news fact- वन विभाग ने शुरू नहीं कराया हैबीटेट सर्वे
दो साल में फाइलों में दबा टाइगर सफारी प्रोजेक्ट
शहर में दो साल से जू एंड रेस्क्यू सेंटर, टाइगर सफारी की चर्चा शासकीय दफ्तरों की बैठकों में हो रही है, लेकिन शहर के पर्यटन को पंख लगाने वाला यह प्रोजेक्ट फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहा है। डुमना नेचर रिजर्व में टाइगर सफारी बनाने की अड़चनें दूर होने के बाद भी हैबीटेट सर्वे में वन विभाग द्वारा लापरवाही की जा रही है। सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार चयनित क्षेत्र सभी मानकों पर खरा होना चाहिए। इसके लिए हैबीटेट सर्वे की रिपोर्ट आवश्यक है। वन विभाग ने अब तक सर्वे के लिए एजेंसी भी तय नहीं की है।
सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम परमिशन देगी तो बजट के अनुसार जू, रेस्क्यू सेंटर एवं टाइगर सफारी बनना शुरू होगा। प्रोजेक्ट स्वीकृत होने के बाद ईको पर्यटन बोर्ड से बजट जारी होना है। प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी डीपीआर की समीक्षा कर रहे हैं। मप्र शासन ने साल 2016 में जबलपुर में जू एंड रेस्क्यू सेंटर, टाइगर सफारी बनाने की घोषणा की। वन विभाग और नगर निगम के बीच फंसे भूमि ट्रांसफर के पेंच में प्रोजक्ट ठप हो गया।
क्या है हैबीटेट सर्वे
हैबीटेट सर्वे में जैव विविधता की रिपोर्ट की जाती है। मांसाहारी वन्य प्राणियों के अनुसार शाकाहारी वन्य प्राणियों के रहवास एवं जलस्रोत का आकलन किया जाएगा। पेड़-पौधे व वनस्पति, पहाड़ी क्षेत्रों की स्थिति के साथ मानवीय हस्तक्षेप की रिपोर्ट तैयारी होनी है।
डुमना नेचर रिजर्व में टाइगर सफारी के लिए जिला प्रशासन एवं वन विभाग ने डीपीआर बनाया है, उसकी समीक्षा की जा रही है। हैबीटेट सर्वे के लिए एजेंसी तय नहीं हुई है।
-रविंद्र मणि त्रिपाठी, डीएफओ