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Tilsankashti Chaturthi : सुख-समृद्धि के लिए ऐसे करें भगवान गणेश की आराधना

locationजबलपुरPublished: Jan 12, 2020 06:29:19 pm

Submitted by:

praveen chaturvedi

वर्षभर की चार चतुर्थियों में तिलसंकष्ठी चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस बार प्रीति योग और मघा नक्षत्र में तिलसंकष्टी चतुर्थी पड़ रही है।

Tilsankashti Chaturthi

Tilsankashti Chaturthi

जबलपुर। माघ कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि सोमवार 13 जनवरी को प्रथम पूज्य भगवान गणेश की उपासना होगी। वर्षभर की चार चतुर्थियों में महत्वपूर्ण तिलसंकष्टी चतुर्थी को मातृशक्ति निर्जला व्रत रखकर भगवान गणेश की स्तुति करेंगी। तिल के लड्डुओं का भोग लगाएंगी। चंद्रमा को अघ्र्य देने के साथ व्रत पूर्ण होगा। मान्यता के अनुसार तृतीया से जुड़ी हुई चतुर्थी को भगवान गणेश की साधना की जाती है। व्रती महिलाएं चंद्रमा को अघ्र्य देकर संतान के दीर्घायु होने और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

ऐसे करें पूजन
ज्योतिर्विद् जनार्दन शुक्ला के अनुसार मघा नक्षत्र की तिलसंकष्टी चतुर्थी विशेष होती है। इस बार तिलसंकष्टी चतुर्थी प्रीति योग और मघा नक्षत्र में पड़ रही है। सोमवार दोपहर 12.48 बजे तक आश्लेषा नक्षत्र है। इसके बाद मघा नक्षत्र शुरू होगा। सोमवार रात 7.48 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू होगी। चंद्रोदय रात 8.13 बजे होगा। दिन में 21 दूर्बा दल, तिल के 21 लड्डृ अर्पित कर गणपति अथर्वशीर्ष पाठ, संकट हरण गणपति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

गणेश मंदिरों में होगी पूजा
तिलसंकष्टी चतुर्थी पर संस्कारधानी के भगवान गणेश मंदिरों में भक्तगण विशेष पूजन-अर्चन करेंगे। सिद्ध गणेश मंदिर ग्वारीघाट, सुप्तेश्वर गणेश मंदिर रतन नगर, श्री गणेश मंदिर एमपीईबी में अनुष्ठान होंगे।

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