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जबलपुर

नर्मदा के तिलवारा घाट पर बन रहा अप्रतिम जिनालय, सभी शिलाओं पर लिखा है आचार्यश्री का नाम

बिना सीमेंट और सरिया के बनेगा 234 फुट ऊंचा जिनालय

जबलपुरMar 29, 2019 / 01:44 am

shyam bihari

नर्मदा के तिलवारा घाट पर बन रहा अप्रतिम जिनालय, सभी शिलाओं पर लिखा है आचार्यश्री का नाम

jinalay

जबलपुर। संस्कारधानी के नर्मदा तट तिलवाराघाट पर दयोदय तीर्थ में अप्रतिम कृति आकार ले रही है। यहां प्राचीन पद्धति से निर्माणाधीन सहस्त्रकूट जिनालय अद्भुत धरोहर के स्वरूप में सामने आएगा। सीमेंट, सरिया का इस्तेमाल किए बिना राजस्थानी पत्थर और चूना-गिट्टी से बन रहे इस जिनालय का टिकाऊपन 1500 वर्ष आंका जा रहा है। प्राचीन और वैज्ञानिक पद्धति के साथ ही इस जिनालय में आस्था का सागर भी शामिल है। सहस्त्रकूट की सभी आधार शिलाओं पर आचार्यश्री विद्यासागर अंकित किया गया है। ताकि, तप शक्ति के प्रभाव से शिलाएं अनंतकाल तक अडिग रहें।

आचार्यश्री विद्यासागर की प्रेरणा
आचार्यश्री विद्यासागर की प्रेरणा से बनने वाले इस जिनालय की आधारशिलाएं तैयार हो चुकी हैं। पांच साल में निर्माण पूरा होने की सम्भावना है। कनाडा के इंजीनियर स्नेहिल पटेल व अहमदाबाद के मनोज सोमपुरा की देख-रेख में 14-14 मीटर गहरे 2100 स्टोर कॉलम बनाए गए हैं। इसमें 1500 ट्रक सामग्री का उपयोग किया गया है। 600 फुट लम्बे और 200 फुट चौड़ी आधारशिला पर जिनालय का गर्भगृह 234 एवं सहस्त्रकूट 144 फुट ऊंचा होगा। सहस्त्रकूट में 1008 प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। आचार्यश्री का दर्शन करने आने वाले देशभर के श्रद्धालु प्रतिमा स्थापना का संकल्प ले रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी। आचार्यश्री का तप और लोगों के लिए आस्था और विश्वास का प्रेरणाकेंद्र है। इसके बल पर श्रद्धालु अपना सबकुछ अर्पण करने की इच्छाशक्ति रखते हैं।

प्राचीन पद्धति

दिगम्बर जैन समाज के प्रवक्ता अमित पड़रिया ने बताया कि प्राचीन पद्धति के जिनालय का टिकाऊपन सामान्य भवनों से कई गुना ज्यादा होगा। दस लाख घनफुुट के पत्थरों से निर्मित इस जिनालय में ऐसी तकनीक लगाई गई है कि भूगर्भीय हलचल या जलस्तर के ऊपर-नीचे होने पर भी सूचना मिल जाएगी। सामान्य तौर पर एक वर्गमीटर की भार क्षमता छह टन होती है, लेकिन वैज्ञानिक तरीके से इसकी क्षमता 200 टन की गई है। यह अपने आप में नया प्रयोग है। इससे आने वाले समय में भव्य निर्माण आकार लेगा, तो देखते ही बनेगा।

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