वर्तमान में 230 टिम्बर कारखाने शहर में चल रहे हैं। इनमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 30 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। टिम्बर कारखानों के अगल-बगल आबादी तेजी से बढ़ रही है। उद्यमी कारोबार का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे इसलिए वे शहर से बाहर जाने के लिए वर्षों से प्रयासरत हैं। 600 करोड़ रुपए से अधिक का टर्नओवर सालाना 600 करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर वाले इस कारोबार को पार्क के रूप में विकसित करने से न केवल आधुनिक मशीनों पर काम शुरू हो सकेगा, बल्कि ज्यादा संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
विशेषज्ञों की सहायता से प्रस्ताव तैयार
उद्योग संवद्र्धन समितियों की बैठक में भी इस विषय को कारोबारी उठाते रहे हैं। इसलिए प्रशासन ने इसका प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है। टिम्बर एसोसिएशन ने विशेषज्ञों की सहायता से प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे अगले सप्ताह प्रशासन को सौंपा जाएगा।
आइटी पार्क के पास है जगह
टिम्बर एसोसिएशन ने बरगी हिल्स आइटी पार्क के पास खसरा नंबर-6 का प्रस्ताव तैयार किया है। यहां 70 एकड़ जगह खाली है। कारोबारी इसी भूमि पर टिम्बर पार्क स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी क्षेत्र में 60 एकड़ में आइटी पार्क चल रहा है। फोरलेन सड़क भी बन रही है।
फर्नीचर क्लस्टर भी बनेगा
जिले में 250 से ज्यादा कारोबारी फर्नीचर बनाते हैं। वे सोफा, पलंग के अलावा लकड़ी के दूसरे काम भी करते हैं। इन्हें भी भटौली के पास जगह देने पर विचार हो रहा है। इस बात को ध्यान में रखकर टिम्बर कारोबारी भी प्रशासन से जमीन की मांग कर रहे हैं।