मौसम विभाग के आकड़ों के अनुसार मई का तापमान पिछले वर्ष की अपेक्षा 2-3 डिग्री कम है। मई की गर्मी का असर अब तक नहीं हुआ। लगातार आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक सहायक देवेंद्र तिवारी के अनुसार पिछले वर्ष मई के दूसरे सप्ताह में 41-42 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान पहुंच गया था। जबकि, फिलहाल तापमान 38-39 डिग्री ही है। सीजन में अधिकतम तापमान एक दिन 41.9 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
बदलना होगा जीने का तरीका
मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भार्गव के अनुसार मौसम में निरंतर परिवर्तन से इम्युन सिस्टम पर असर पड़ता है। बदलते मौसम में कोरोना संक्रमण के दौरान सावधानियां बरतनी चाहिए। सामान्य नियमों की जानकारी रखते हुए जीने का तरीका बदलना होगा। एसी/कूलर के प्रयोग में विशेष ध्यान देने की आवश्कता है, ताकि गले में संक्रमण या श्वसन तंत्र की बीमारियों से बचाव हो। सोते समय एसी/ कूलर चलाने से परहेज करना चाहिए। कमरा ठंडा हो जाए तो एसी कूलर बंद करके सोना चाहिए। एसी कूलर के माध्यम से रूम के अंदर के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।