scriptस्टूडेंट्स को समझाने के लिए अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी कारगर, जानें क्यों… | To explain the students Hindi is more important than english know why | Patrika News

स्टूडेंट्स को समझाने के लिए अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी कारगर, जानें क्यों…

locationजबलपुरPublished: Jun 15, 2019 12:26:21 am

Submitted by:

abhishek dixit

स्टूडेंट्स को समझाने के लिए अंग्रेजी से ज्यादा ङ्क्षहदी कारगर, जानें क्यों…

Hindi diwas

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जबलपुर. ‘स्कूली छात्र-छात्राओं को समझाने के लिए अंग्रेजी की तुलना में मातृभाषा हिन्दी ज्यादा कारगर होती है। अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण बच्चों में हीन भावना आने लगती है। इसलिए हिन्दी पर अपनी पकड़ मजबूत कर शिक्षक अपनी बात को बेहतर तरीके से रख सकते हैं।Ó ये बातें केंद्रीय विद्यालय खमरिया में दक्षिण भारत के शिक्षकों के लिए आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में उप-संचालक एवं मांटेसरी प्राथमिक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. राममोहन तिवारी ने कहीं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था न्यूपा दिल्ली में उन्हें प्रदेश से तीन बार नेतृत्व करने का मौका मिला। उन्होंने तीनों बार हिन्दी में अपना भाषण दिया। यहां अंग्रेजी मायने नहीं रखती बल्कि भाषा पर आपकी पकड़ मायने रखती है।

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डॉ. तिवारी ने शिक्षकों का आह्वान किया कि बच्चों में बहुमखी प्रतिभाएं होती हैं। कोई छात्र राजनीति, टीचिंग, मेडिकल में जाना चाहता तो कोई साइंस, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता है। राजनीति भी एक बड़ा क्षेत्र है। लीडरशिप में निपुण बच्चे राजनीति में भी कॅरियर बना सकते हैं। उन्होंने बच्चों को मंच देने, उनके साथ खेलने, हौसला बढ़ाने आदि लर्निंग मैथेड की भी जानकारी दी।

कई राज्यों से आए शिक्षक
केविटीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम तिवारी ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन में विभागीय समिति के चयनित और पदोन्नत हुए पीजीटी शिक्षकों के लिए कंटेट इनरिचमेंट एंड पेडोजाजिकल ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है। इसमें चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरु सहित कई प्रदेश के शिक्षक शामिल हैं। इस दौरान केवि खमरिया के प्राचार्य केडी मिश्रा, श्रवण विश्वकर्मा, अतुल गुप्ता, मनोज कुमार आदि उपस्थित थे।

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