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आधे शहर में आए दिन होने वाली जलसंकट की समस्या होगी दूर,
रूट में पाइप की डम्पिंग शुरू
रमनगरा प्लांट और मेडिकल के बीच 10 करोड़ की लागत से बिछेगी पाइप लाइन
6 साल में कई फू टी पाइप लाइन-
प्लांट से लगभग आधे शहर में नर्मदा जल की आपूर्ति होती है। प्लांट से जलापूर्ति शुरू होने के बाद 6 साल में पचास से ज्यादा बार लीकेज, तकनीकी खराबी, विद्युत आपूर्ति बाधित होने जैसे कारणों से जलापूर्ति ठप हुई और पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची।
रमनगरा प्लांट से बिड़ला धर्मशाला के बीच मुख्य राइजिंग लाइन में बार-बार होने वाले लीकेज के मद्देनजर उसे बदल कर नई जीआई राइजिंग लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए पाइप की डम्पिंग शुरू हो गई है।
– चंद्रमौलि शुक्ला, कमिश्नर, ननि
रमनगरा प्लांट प्रोजेक्ट पर एक नजर
2012 में शुरू हुई थी प्लांट से जलापूर्ति
600 किलोमीटर बिछाई थी पाइप लाइन
38 वार्डों में होती है जलापूर्ति
09 लाख के लगभग की आबादी तक पहुंचता है पानी
06 साल में 56 बार बंद हुआ प्लांट
22 बार करना होती है कोडिंग (लीकेज सुधार के लिए)
3600 मीटर में बिछाई जाएगी नई पाइप लाइन
1000 एमएम व्यास के होंगे पाइप
नहीं हैं तकनीकी विशेषज्ञ
रमनगरा प्लांट की मौजूदा मुख्य राइजिंग लाइन जीएफआरपी (ग्लास फाइबर रिइंफोर्स प्लास्टिक) की है। इसमें लीकेज होने पर सुधार कार्य के लिए मुम्बई, बैंगलुरु, चंडीगढ़ से तकनीकी विशेषज्ञ बुलाने पड़ते हैं। कई बार निगम की टीम ने अपने स्तर पर लीकेज सुधारने के असफल प्रयास किए।