नक्षत्र- उग्रक्रूरसंज्ञक नक्षत्र भरणी रात्रि 11.21 तक उपरांत कृत्तिका नक्षत्र रहेगा। भरणी नक्षत्र में कूटनीतिक वार्ता, शस्त्र निर्माण, शस्त्र साधना, अग्नि कार्य, कृषि औजार, कुआं, बावड़ी जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा मंगलकारी माने जाते हैं। वहीं कृत्तिका नक्षत्र में पौधरोपण, बाग-बगीचा, सेवारंंभ जैसे कार्य अत्यंत शुभ, मंगलकारी रहते हैं।
शुभ मुहूर्त – ंआज नामकरण, अन्नप्रासन, विपणि व्यापारारंभ, पत्र लेखन, कार्यारंभ, नव वस्त्र धारण, पौधरोपण, शिल्प विद्यारंंंंभ जैसे कार्य शुभ तथा मंगलकारी रहेंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 6.00 से 7.30 शुभ दोपहर 10.30 से 3.00 चर, लाभ, अमृत तथा रात्रि 6.00 से 9.00 चर तथा अमृत की चौघडिया शुभ तथा मंगलकारी रहेगी।
व्रतोत्सव- आज : मुक्ता भरण संतान सप्तमी व्रत का व्रत व्रतोत्सव पर्व रहेगा। संतान की दीर्घायु के लिए यह उत्तम माना जाता है।
चन्द्रमा : रात्रि 5.32 तक मेष राशि मे उपरांत शुक्र प्रधान राशि वृष राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन : सूर्य के सिंह राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का
मघा नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहता है। इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथासंभव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास पूर्व दिशा में है। सन्मुख एवं दाहिना चंद्रमा शुभ माना जाता है। राहुकाल: दोपहर 1.30.00 बजे से 3.00.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)ा
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज : आज जन्मे बालकों का नामाक्षर ली, लू, ले, ल अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। भरणी नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मेष होगी। राशि स्वामी मंगल तथा सुवर्णपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मेष राशि के जातक प्राय: अनुसाशन प्रिय, कार्यकुशल, संगठक, समाजसेवी, निपुण, कला प्रेमी, विचारशील, मननशील, स्वावलंबी तथा विनोद प्रिय स्वभाव के होते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सफल रहते हैं।