इस साल जिले से एक भी निजी स्कूल का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत नहीं रहा। जबकि शहर के दो केंद्रीय विद्यालयों में शत-प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। निजी स्कूलों का परिणाम इस साल 82 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल की तुलना में एक प्रतिशत कम है। केंद्रीय विद्यालयों का परीक्षा परिणाम 98.1 प्रतिशत रहा। पिछले साल यह 97.12 प्रतिशत था। सीबीएसइ स्कूलों का कुल औसत परिणाम 85 प्रतिशत है।
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एक प्रतिशत बढ़ा सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम, निजी स्कूल पिछड़े सीबीएसइ 12वीं कक्षातीन साल में जिले का परीक्षा परिणाम
स्कूल : वर्ष में परीक्षा परिणाम (प्रतिशत में) 2017 : 2018 : 2019
सीबीएसइ : 82.01 : 83.01 : 82
केंद्रीय विद्यालय : 95.86 : 97.12 : 98.1
नवोदय विद्यालय : 96.5 : 96.90 : 97.1
– केंद्रीय विद्यालय सीओडी
– केंद्रीय विद्यालय वीएफजे जिले की स्थिति
2028 छात्र सरकारी स्कूलों के परीक्षा में हुए शामिल
1989 छात्र उत्तीर्ण
4000 छात्र निजी स्कूलों के परीक्षा में हुए शामिल
3304 छात्र हुए उत्तीर्ण
– 98.12 प्रतिशत केंद्रीय विद्यालय
– 97.07 प्रतिशत नवोदय
– 83.01 निजी स्कूल समूहवार परीक्षा परिणाम
ह्यूमिनीटीज संकाय 95-97 प्रतिशत
साइंस संकाय : 94-96 प्रतिशत
वाणिज्य संकाय : 90-95 प्रतिशत सकरारी स्कूलों के नतीजे बेहतर होने के कारण
– छात्र-छात्राओं पर फोकस
– कमजोर छात्रों पर दिया ध्यान
– रेमेडियल, एक्स्ट्रा क्लास में भी पढ़ाई
– प्री-बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन
– समय पर कोर्स पूरा नहीं होना
– पढ़ाई में लापरवाही
– स्कूल प्रबंधन का बच्चों पर ध्यान नहीं देना
– छात्रों पर अनावश्यक कोर्स मटेरियल का बोझ
जिले में सीबीएसइ से सम्बद्ध 36 स्कूलों में 12वीं कक्षा में 4500 परीक्षार्थी थे। इनमें से पांच-छह स्कूलों का परीक्षा परिणाम 85-95 प्रतिशत रहा। जबकि अधिकतर स्कूलों का परीक्षा परिणाम 75 से 82 प्रतिशत रहा। पूरे अजमेर रीजन में डेढ़ लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। केंद्रीय विद्यालय संगठन से 64 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। इनमें से 98.54 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए।
हिंदी समूह में भी सफलता
छात्रों ने इस बार सब्जेक्टवाइस अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। हिंदी विषय में भी छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अधिकतर छात्रों ने हिन्दी में 95 से 97 फीसदी अंक प्राप्त किए। कुछ विषयों में 100 में से 100 अंक भी मिले हैं।
देशभर में केंद्रीय विद्यालयों का परीक्षा परिणाम शानदार रहा। निजी स्कूल हमसे कोसो दूर है। हिंदी स्ट्रीम में भी भी छात्रों ने बेहतरीन अंक प्राप्त किए हैं। इसका कारण शिक्षकों-बच्चों का पढ़ाई के प्रति फोकस रहना है।
– श्रीराम शुक्ला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एआइकेविटीए
सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर आया है। इसका कारण नियमित पढ़ाई, रिवीजन, एक्स्ट्रा क्लासेस पर जोर देना है।
– आलोक त्रिपाठी, प्राचार्य, नवोदय स्कूल