जिला प्रशासन ने 20 अप्रैल के बाद टोटल लॉकडाउन से कुछ कार्यों को शुरू करने की मंजूरी दी थी। इसमें शहर की मुकादमगंज मंडी और भरतीपुर मंडी भी शामिल है। यहां किराना, मेवा, तेल, नमक, शक्कर सहित 400 दुकानों में थोक कारोबार होता है। कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे पर 25 अप्रैल को तीन दिन के लिए टोटल लॉकडाउन लागू कर दिया गया। थोक सब्जी और फल मंडी भी बंद होने से शहर में कई चीजों की आपूर्ति प्रभावित हुई। दो दिनों से किराना दुकानें बंद होने से लोगों को जरूरत की छोटी-मोटी सामग्री भी नहीं मिल रही है।
70 फीसदी हुआ आवंटन
जिले में 994 राशन दुकानें हैं। इसमें से शहरी क्षेत्र में करीब 428 दुकानें हैं। दुकानों में ग्राहकों की भीड़ बढऩे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने पर नगर निगम सीमा क्षेत्र की राशन दुकानों को बंद कर दिया है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत 70 फीसदी खाद्यान्न का वितरण हो चुका है। कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अक्षय तृतीया के कारोबार पर भी पड़ा है। अक्षय तृतीया पर कपड़ा, सराफा, फर्नीचर, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम आदि क्षेत्र में एक दिन में 15-18 करोड़ का कारोबार होता है। शादी-विवाह के सीजन में भी मार्केट गुलजार रहते हैं। लार्डगंज व्यापारी संघ के अध्यक्ष अखिल मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से सीजनल कारोबार प्रभावित हुआ है।
सराफा एसोसिएशन के प्रवक्ता अनूप अग्रवाल ने बताया कि गर्मी के मौसम में सबसे अधिक शादियां होती हैं। इस दौरान आभूषण कारोबार ऊंचाई पर होता है। लॉकडाउन के कारण सराफा करोबारियों के साथ कारीगरों को भी नुकसान हो रहा है। गारमेंट कारोबारी नीलेश जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमण से गारमेंट कारोबार धरातल पर आ गया है। इससे उबरने में सालों लग सकते हैं। थोक सब्जी विक्रेता रंजीत ठाकुर ने बताया कि थोक मंडी बंद है। लटकारी पड़ाव पर भी रोक लगी है, इससे सब्जी व्यापारी भी परेशान हैं।