साड़ी, अनाज, हैंडलूम आइटम, रेडीमेड गारमेंट, सोना चांदी के आभूषण, किराना सामग्री, मंडप में इस्तेमाल होने वाली चीजों के अलावा दूल्हा और दुल्हन के लिए सामग्री की खरीदी इन्हीं परंपरागत बाजारों से हो रही है। इसकी एक वजह यह है कि लोगों का पुराना विश्वास और उचित दामों में चीजें मिलना है। शादियों में होने वाले खर्च को देखते हुए कम बजट के कारण यह बाजार लोगों को सहूलियत भरा लगता है। उच्च, मध्यम और निम्न वर्ग सभी यहां से खरीदी करते हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में चिलचिलाती धूप में भी लोग खरीदी करते दिख जाते हैं। हालांकि बड़ी कंपनियों के स्टोर्स में भी कारोबार चल रहा है।
इन जगहाें से आते हैं ग्राहक
जबलपुर, नरसिंहपुर, दमोह, सिवनी, बालाघाट, मंडला, सागर, कटनी, सतना, रीवा, सिंगरौली, बीना, छिंदवाड़ा के अलावा छत्तीसगढ़ के कई शहरों से ग्राहक जबलपुर के परंपरागत थोक एवं फुटकर बाजार में खरीदी के लिए आते हैं।
सीजन का कारोबार वस्तु- बिक्रीज्वेलरी- 400-500 साड़ी - 500-600
रेडीमेड गारमेंट- 300-400 बर्तन 25-30
मंडप 05-07 किराना 300-400
अनाज 400-500
आगामी तीन माह की अनुमानित बिक्री करोड़ रुपए में।
इन चीजों का बड़ा कारोबार साड़ी व लहंगा- शहर में साडि़यों का बड़ा कारोबार है। कारोबारी अखिलेश जैन ने बताया कि दो साल बाद ग्राहकी अच्छी हो रही है। शादी की ग्राहकी को देखते हुए बनारसी, जयपुरी और सूरत की साडि़याें की बड़ी रेंज कारोबारी लेकर आए हैं। इसी प्रकार सूरत और बनारस के लहंगे की मांग भी बहुत अच्छी है। उपहार के लिए भी कई प्रकार की साडि़यां बाजार में उपलब्ध हैं।
रेडीमेड गारमेंट- घर और रिश्तेदारी में शादी होने पर नए कपड़े की मांग लगभग हर घर में रहती है। इसलिए सलवार सूट, कुर्ता पैजामा, जींस पैंट, शर्ट, टी-शर्ट, सूट, शेरवानी और बचें के कपड़ों की खरीदी जमकर हो रही है। गारमेंट कारोबारी अमित मिनोचा का कहना है कि बाजार में ग्राहकों के लिए कई प्रकार की वेरायटी के कपड़े आए हैं। उनकी बिक्री भी हो रही है।
मंडप सामग्री- मंडल की सामग्री का परंपरागत बाजार में अच्छा उठाव है। पगड़ी, मंडप, साफा, भांवर की सामग्री,कलगी, मुकुट कटार, हार के अलावा पूजन सामग्री से जुड़ा कारोबार खूब चल रहा है। कारोबारी राजेश केशरवानी ने बताया कि कई डिजाइन एवं वेरायटी के साफा एवं पगड़ी लाई गई हैं। आजकल दुल्हा-दुल्हन के परिधान के रंगों से मिलती पगड़ी का चलन ज्यादा है।
आभूषण- बडे़ ज्वेलरी स्टोर्स में तो ग्राहकी बनी है लेकिन सराफा बाजार में भी रौनक कम नहीं है। न केवल जबलपुर शहर बल्कि ग्रामीण इलाका और आसपास के जिलों के ग्राहक शादियों के लिए गहने खरीदने सराफा बाजार आ रहे हैं। उपनगरीय क्षेत्रो की दुकानों में भी खूब ग्राहकी है। कारेाबारी अनूप अग्रवाल ने बताया कि कारोबार के लिहाज से यह सीजन बेहतर है।
किराना-अनाज- शादियों में स्वरुचि भोज के लिए किराना के साथ् अनाज की खपत बहुत अधिक रहती है। पड़ाव की अनाज मंडी और मुकादमगंज में किराना के थोक बाजार में ग्राहकों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। किराना कारोबारी भीमलाल गुप्ता ने बताया कि यह बाजार किफायती है। लाेगों का भरोसा लंबे समय से रहा है। इसलिए शादियों में खूब खरीदी होती है।