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इस शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त, जनता हो रही परेशान

locationजबलपुरPublished: Feb 11, 2020 01:19:31 am

Submitted by:

shivmangal singh

सरकारी विभागों में है समन्वय की कमी खीझ-गुस्सा दिला रहा पब्लिक ट्रांसपोर्ट

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जबलपुर. प्रदेश के प्रमुख शहरों में शुमार होने वाले शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। सरकारी विभागों में समन्वय न होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की परेशानियां हर रोज बढ़ रहीं हैं, लेकिन जबलपुर में यातायात सुधारने के लिए शासन-प्रशासन के पास कोई पुख्ता प्लान नहीं है।
इससे लोगों में झल्लाहट बढ़ रही है जो कई बार झगड़े के रूप में भी सामने आ रही है।
ट्रैफिक पुलिस हो या नगर निगम या जिला प्रशासन और आरटीओ, सभी विभागों में सामंजस्य की कमी है। शहर के यातायात को व्यवस्थित करने के मामले में खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए एक-दूसरे के प्रस्तावों तक को ठुकरा दिया जाता है। यही कारण है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने के बजाय दिन-ब-दिन बिगड़ रही है। इसकी बानगी सड़कों पर ऑटो चालकों की धमाचौकड़ी के रूप में देखी जा सकती है। मेट्रो बसें भी निर्धारित स्थान के बजाय मनमाने स्टॉपेज पर रुकती हैं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्री-पेड बूथ, फिर भी मनमानी
मुख्य रेलवे स्टेशन और मदन महल रेलवे स्टेशन पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से प्री-पेड बूथ की सुविधा शुरू की गई थी। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली थी। अब यहां भी मनमानी शुरू हो गई है। ऑटो चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। इसके बावजूद ऑटो चालकों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
मेट्रो बसें भी ओवरलोड
पीपीपी मॉडल पर शहर के विभिन्न मार्गों पर 34 मेट्रो और 54 मिनी मेट्रो बसें चलाई जा रही हैं। ट्रैफिक अधिक होने के कारण सभी मेट्रो बसें ओवरलोड होती हैं। इसके बावजूद जेसीटीएसएल बसों की संख्या नहीं बढ़ा रहा है।
नहीं शुरू हो पाए ई-रिक्शा
जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन ने सुपर मार्केट से मिलौनीगंज तक शेयरिंग ई-रिक्शा शुरू करने की योजना बनाई थी। इसके लिए जमीनी स्तर पर काम भी हुआ। चंद दिनों में ही योजना फाइलों में दबकर रह गई। हालत यह है कि इस मार्ग पर हर पल जाम लगा रहता है।
ऑटो भी ओवरलोड
शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों की कमी से लोगों को मजबूरन ऑटो में सफर करना पड़ता है। इसका फायदा ऑटो चालक उठा रहे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बिठाने के साथ मनमाना किराया भी वसूलते हैं। विरोध करने पर विवाद करते हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती।
इन मार्गों पर पर्याप्त साधन नहीं
शहर से डुमना एयरपोर्ट
बाजानामठ से लम्हेटा होकर भेड़ाघाट
रामपुर तिराहा से रामपुर और छापर तक
कृपाल चौक, गुप्तेश्वर से होकर रामपुर
जीसीएफ, वीएफजे और ओएफके इस्टेट के भीतर
गढ़ा के विभिन्न इलाके
गोराबाजार से कजरवारा होकर बरेला तक
सुपर मार्केट से बड़ा फुहारा और गोहलपुर तक
इनकी है आवश्यकता
बड़ी और मिनी मेट्रो बसों की संख्या बढ़ाई जाए
छोटे इलाकों में ऑटो, कैब का संचालन
छोटे टेम्पो टै्रक्स, ट्रैवलर और ई-रिक्शा
शहर में यात्री वाहन
34 मेट्रो बस
54 मिनी मेट्रो बस
12 हजार ऑटो
400 कैब
500 ई-रिक्शा
08 हजार हाथ रिक्शा

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