वकीलों व उनके स्टाफ को लॉकडाउन के दौरान आवागमन में छूट दो, जारी करो पास
मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के सदस्य एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य अधिवक्ता सुनील गुप्ता की ओर से यह याचिका दायर की गई। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रशासन की ओर से जारी लॉकडाउन, करोना कफ्र्यू के आदेश बिना सोचे समझे जारी किए गए। इसमें न्यायपालिका से जुड़े महत्वपूर्ण अंग, अर्थात अधिवक्ता समुदाय के हितों को पूर्णता दरकिनार कर दिया गया। याचिका में कहा गया कि पुलिस एवं जिला प्रशासन अधिवक्ताओं के ऑफिस आने वाले मुंशी एवं अन्य स्टाफ को रोककर मंशा पूर्वक जुर्माना एवं अन्य तरीके से प्रताडि़त करता है। इसके चलते किसी भी अधिवक्ता के लिए सुचारुरूप से अपना कार्यालय संचालित करना लगभग असम्भव हो गया है। सरकार की ओर से कहा गया कि सम्बंधित बार एसोशिएशन की ओर से आवेदन आने पर पास जारी करने की कार्रवाई की जाएगी।
अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिए कि वकीलों या उनके स्टाफ को अनावश्यक रूप से उनके ऑफिस जाने से नहीं रोका जा सकता, जबकि कार्यालय में कोर्ट से सम्बंधित कार्य हो रहा हो। कोर्ट ने कहा कि इस सम्बंध में प्रदेश के जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर जिलो के कलेक्टर अधिवक्ताओं को पास जारी करेंगे। इसके आधार पर कोरोना कफ्र्यू या लॉकडाउन के दौरान भी वकील एवं उनका स्टाफ ऑफिस कार्य के लिए आ जा सकेगा। इस सम्बंध में स्थानीय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के मार्फत भी जिला कलेक्टर को पास जारी करने के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन दिया जा सकता है। इस मत के साथ कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी। सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता ए. राजेश्वर राव ने पक्ष रखा।