जबलपुर

कहने को तो मप्र का सबसे बड़ा फ्लाईओवर होगा, लेकिन हददर्जे का वेतरतीब निर्माण कार्य, यातायात का दम घोंटा, रास्तों को बंधक बनाया

जबलपुर शहर के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट से बदलेगी शहर की सूरत, लेकिन निर्माण एजेंसी-लोकनिर्माण विभाग और निगम की लापरवाही से आम लोगों रोजाना हो रहे परेशान
 
 

जबलपुरSep 19, 2021 / 07:28 pm

shyam bihari

flypver

जबलपुर। शहर के बहुतप्रतीक्षित फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। जिम्मेदारों के दावे के मुताबिक यह मप्र का सबसे बड़ा फ्लाईओवर होगा। लेकिन, शहर की तस्वीर बदलने की उम्मीद जगाने वाले इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य इतने बेतरतीब तरीके से हो रहा है कि आम लोग हद से ज्यादा हलाकान हो रहे हैं। तकरीबन एक साल से फ्लाईओवर निर्माण कार्य वाले मार्ग पर यातायात का दम घोंट दिया गया ह। इस तरफ की सड़कें ‘बंधकÓ बन गई हैं। महानद्दा से लेकर दशमेश द्वार, एलआइसी होते हुए मेडिकल जाने के लिए वाहन चालकों को हिम्मत जुटानी पड़ती है। दशमेश द्वार से मदन महल रेलवे स्टेशन मार्ग पर जाना हो, तो वाहन उस ओर घुमाते ही सांस फूल जाती है। अंडर ब्रिज, आमनपुर जाने के लिए वाहन चालक तभी जाते हैं, जब जाने के अलावा कोई विकल्प ना बचता हो। अंडरब्रिज से निकलकर दद्दाजी परिसर होते हुए रानीताल जाने का मतलब है जाम, धूल, कीचड़ का सामना करना ही पड़ेगा। दशमेश द्वार पर महीनों से अराजक हालात बन गए हैं। ठीक चौराहे पर फ्लाईओवर की रोटरी बनाने के लिए सड़क और चौराहे की ऐसी बदहाली देखना, तो दूर किसी ने सोचा भी नहीं होगा।
हादसे की आशंका
फ्लाईओवर निर्माण स्थलों पर भारी-भरकम मशीनें कभी भी पहुंचा दी जाती हैं। कभी-कभार तो भारी ट्रैफिक के बीच अचानक कंपनी के गार्ड सीटी बजाकर संकेत देते हैं कि मशीन लोड या अनलोड की जा रही है, उधर से मत जाओ। लेकिन, जाम में फंसे वाहन चालक को किसी तरह से आगे जाना ही होता है। वह बेतरतीबी से वाहन चलाता है और खतरे को आमंत्रण देता है। अब ज्यादातर पिलर तैयार हो गए हैं। दशमेश द्वार और एलआइसी के पास बड़े-बड़े गार्डर ऊपर चढ़ाए जा रहे हैं। इसके बाद भी सड़क पर यातायात जारी रहता है। मजदूरों के हाथ से लोहे का छोटा टुकड़ा भी नीचे गिरा, तो बड़ा हादसा हो सकता है। नियमानुसार निर्माण कार्य करते समय ट्रैफिक रोक देना चाहिए।
सड़कें बची ही नहीं
फ्लाईओवर के पूरे निर्माण मार्ग पर पहले से ही सड़कें संकरी थीं। अब नाम मात्र की ही बची हैं। दशमेश द्वार से मदन महल स्टेशन की ओर जाने के लिए वाहन चालक चकरा जाते हैं। कृपाल चौक की ओर से आने वाले वाहन चालक छोटी लाइन की ओर जाना चाहें, तो आसानी से नहीं जा सकते। पेट्रेाल पम्प के पस गड्ढा है। उसके बाद लोडिंग ऑटो की धमाचौकड़ी होती रहती है। आमनपुर की ओर जाना है, तो वहां कब वन-वे कर दिया जाएगा, पता नहीं रहता। बची सड़क पर ठेले वालों का तांडव रहता है। मजाल क्या है आप दूसरे गियर में भी वाहन चला सकें।
जाम, धूल, कीचड़
निर्माण कार्य के चलते संकरी सड़कों का कबाड़ा हुआ, तो अंडर ब्रिज से होते हुए दद्दाजी परिसर के सामने से टेलीग्राफ फैक्ट्री, रानीताल से दमोहनाका जाने वालों की संख्या कम हो गई है। वहां के रहवासियों की मजबूरी है कि उन्हें जाना ही पड़ेगा। हालत यह है कि लोग जाम और धूल से रोजाना दो-चार हो रहे हैं। बारिश हो जाए, तो कीचड़ की भरमार हो जाती है। जिन्हें दमोहनाका के आगे या कृषि उपज मंडी जाना है, वे अंडरब्रिज से सम्पर्क मार्ग होते हुए यादव कॉलोनी से एमआरफोर मार्ग से जाते हैं। इसके चलते इस मार्ग का ट्रैफिक बढ़ गया है।
सड़क के गड्ढों में गिरने की गारंटी
निर्माण कार्य के चलते स्ट्रीट लाइट बंद हो गई है। सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं। रात में वाहन चालक डर-डरकर निकलते हैं। निगम के प्रकाश विभाग, निर्माण एजेंसी या फिर बिजली कंपनियों के बीच सामंजज्य नहीं होने के चलते इतने समय से स्ट्रीट लाइट बंद है। रात में आप दूर तक निकल जाएं, तब पता चलता है आगे से मार्ग बंद है। दोपहिया वाहन किसी तरह बैक हो जाता है। चारपहिया वाले अपना सिर धुन लेते हैं। उन्हें बैक होने में पसीना छूट जाता है।
अब सात किमी होगी लम्बाई
फ्लाईओवर अब सात किमी लम्बा बनेगा। इसमें दो नई रैम्प बनेंगे। एक किमी के निर्माण के लिए 78 करोड़ रुपए की अतिरक्त राशि स्वीकृत हो गई है। फ्लाईओवर की निर्माण लागत बढ़कर 836 करोड़ हो गई है। फ्लाईओवर की लम्बाई पूर्व में छह किमी निर्धारित की गई थी। फ्लाईओवर में मदन महल साइट पर पियर्स में केंटीलीवर बनाने का काम शुरू हो गया है। निर्माण कर रही एनसीसी कम्पनी के कटंगी बायपास स्थित यार्ड में गार्डर व स्लैब तैयार किए गए हैं। केंटीलीवर का काम पूरा होने पर इन्हें क्रेन के जरिए पियर्स पर लोड किया जाएगा।

 

फ्लाईओवर निर्माण कंपनी की ओर से सूचना दी गई है। मार्ग पर कुछ जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। बड़ी परेशानी सड़कों के संकरी होने से हो रही है। यदि दो से तीन बसें एक साथ इस मार्ग पर पहुंच जाएं, तो बाकी के ट्रैफिक को परेशानी होती है। सड़कों पर काम की सूचना कभी-कभी निगम नहीं देता, जिस कारण वहां ट्रैफिक की समस्या होती है।
मधुकर चौकीकर, डीएसपी, टै्रफिक

फ्लाईओवर की निर्माण साइट के दोनों ओर साइड रोड की मरम्मत का काम शुरू किया है, लेकिन बीच-बीच में बारिश होने के कारण काम प्रभावित हो रहा है। जल्दी ही सड़कों की मरम्मत का काम पूरा किया जाएगा। पोल शिफ्टिंग के कारण जहां भी स्ट्रीट लाइट प्रभावित हुई है, जल्दी ही प्रकाश व्यवस्था को भी दुरुस्त करा लिया जाएगा।
गोपाल गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, पीडब्लूडी

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