तो उजागर हुई मनमानी विजीलेंस की टीम की कार्रवाई आला अफसरों को लगी, तो सीई प्रकाश दुबे ने मामले की जांच के आदेश दिए गए। अधीक्षण अभियंता को जांच का जिम्मा सौंपा गया। जांच में खुलासा हुआ कि कॉलोनी पूरी तरह से विद्युतीकृत किया जा चुका है। वहां ट्रांसफार्मर और विद्युत लाइन भी विधिवत लगीं थीं, लेकिन कुछ समय पूर्व ट्रांसफार्मर में कुछ फॉल्ट आया, तो कनिष्ठ अभियंता एमआई बेग व टीम ने ट्रांसफार्मर से सप्लाई बंद कर दी। इसके बाद ट्रांसफार्मर से सप्लाई शुरू नहीं की गई। जिस कारण उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत चोरी की जाने लगी।
सहायक अभियंता के चार्ज में है बेग संभाग में सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी की तैनाती होती है। लेकिन यहां सहायक अभियंता नहीं है। जिसके चलते कनिष्ठ अभियंता बेग को ही सहायक अभियंता का चार्ज दिया गया था। जिसके चलते यह गड़बड़ी हुई।
यह है मामला अधारताल जोन दो के अंतर्गत फ्यूचर गु्रप कॉलोनी है। विजीलेंस की टीम ने दोपहर में वहां छापा मारा। जांच में पाया गया कि सात घरों में बिजली चोरी हो रही थी। तीन में मीटर भी लगा था। लेकिन सभी ने वहां से गुजरने वाली एलटी लाइन को काटकर उससे कनेक्शन कर रखा था। टीम ने सातों के खिलाफ विद्युत अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की।
सीई ने भी दिए थे निर्देश पिछले दिनों चीफ इंजीनियर प्रकाश दुबे ने रांझी संभाग में कई स्थानों पर जांच की थी। इस दौरान स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि अस्थाई कनेक्शनों और नव विकसित कॉलोनियों की जांच की जाए। जहां भी बिजली चोरी हो रही है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन इसके बावजूद इस कॉलोनी पर कार्रवाई नहीं की गई।
वर्जन – अधीक्षण अभियंता की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि कनिष्ठ अभियंता एमआई बेग की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ। प्रथम दृष्टया वे दोषी पाए गए हैं। बेग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रकाश दुबे, चीफ इंजीनियर, जबलपुर संभाग, मप्रपूक्षेविविकंलि
– कॉलोनी पूरी तरह विद्युतीकृत होने के बावजूद ट्रांसफार्मर बंद था। यह गंभीर है। कनिष्ठ अभियंता समेत अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
आइके त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, सिटी सर्किल
आइके त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, सिटी सर्किल