शहर बाहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूताओं और उनके परिजनों को सबसे ज्यादा समस्या से जूझना तब पड़ रहा है जब कि प्रसव पीड़ा दोपहर बाद हो। सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों में कुछ चिकित्सक शहर से आना-जाना करते हैं। कई चिकित्सक दोपहर बाद केंद्र में नहीं मिलते। शाम और रात को प्रसव कराने से कतराते है। कॉल पर भी कई बार चिकित्सक नहीं पहुंचते। डॉक्टर के गायब रहने पर नर्स प्रसूता को गंभीर बताकर परिजनों से शहर ले जाने की सलाह दे देती है। मेडिकल और एल्गिन अस्पताल में ज्यादातर रेफर केस दोपहर बाद ही पहुंच रहे हैं।
शहर के अस्पतालों में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही आसपास के जिलों से भी प्रसूता रेफर की जा रही है। सूत्रों के अनुसार छोटे स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सुविधा के अनुसार चिकित्सक और स्टाफ प्रसव करा रहा है। अचानक प्रसव पीड़ा लेकर किसी महिला के आने पर कई बार कॉल पर स्टाफ नहीं पहुंच रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से कई केस एक से चार घंटे तक एंबुलेंस में सफर करके शहर पहुंच रहे है। इस दौरान प्रसूता की जान सांसत में रहती है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार समय पर प्रसूता को उपचार नहीं मिलने पर उसकी और नवजात की जान को खतरा रहता है।
विभाग ने बढ़ाई निगरानी
रेफर केस बढऩे और शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों पर बढ़ते बोझ के चलते अब प्रसूताओं के मामले में निगरानी बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर प्रसूता के केस की जानकारी खंगाली जा रही है। रेफर केस में महिला को सामान्य प्रसव पर पहले उपचार नहीं देने वाले संबंधित चिकित्सक और स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई का शिकंजा कसा जा रहा है। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि प्रसूताओं को जल्द और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रसव केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है। प्रत्येक प्रसव मामले में निगरानी की जा रही है। किसी प्रसूता को जानबूझकर गंभीर बताकर रेफर किया जा रहा है, और उसका सामान्य प्रसव होता है, तो जांच करके जिम्मेदारों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रहे हैं।
विभाग ने बढ़ाई निगरानी
रेफर केस बढऩे और शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों पर बढ़ते बोझ के चलते अब प्रसूताओं के मामले में निगरानी बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर प्रसूता के केस की जानकारी खंगाली जा रही है। रेफर केस में महिला को सामान्य प्रसव पर पहले उपचार नहीं देने वाले संबंधित चिकित्सक और स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई का शिकंजा कसा जा रहा है। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि प्रसूताओं को जल्द और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रसव केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है। प्रत्येक प्रसव मामले में निगरानी की जा रही है। किसी प्रसूता को जानबूझकर गंभीर बताकर रेफर किया जा रहा है, और उसका सामान्य प्रसव होता है, तो जांच करके जिम्मेदारों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रहे हैं।
जिले में स्थिति
– 01 मेडिकल अस्पताल
– 03 सिविल अस्पताल
– 05 सामु. स्वास्थ्य केंद्र
– 22 प्राथ. स्वास्थ्य केंद्र
– 209 उप स्वास्थ्य केंद्र एल्गिन अस्पताल की स्थिति
– 04 सौ से ज्यादा प्रतिदिन मरीज आ रहे
– 25-30 प्रसव औसतन प्रतिदिन हो रहे
– 06-07 प्रसव इसमें सर्जरी से हो रहे हैं
– 04-05 केस प्रतिदिन रेफर होकर आ रहे हैं
– 01 मेडिकल अस्पताल
– 03 सिविल अस्पताल
– 05 सामु. स्वास्थ्य केंद्र
– 22 प्राथ. स्वास्थ्य केंद्र
– 209 उप स्वास्थ्य केंद्र एल्गिन अस्पताल की स्थिति
– 04 सौ से ज्यादा प्रतिदिन मरीज आ रहे
– 25-30 प्रसव औसतन प्रतिदिन हो रहे
– 06-07 प्रसव इसमें सर्जरी से हो रहे हैं
– 04-05 केस प्रतिदिन रेफर होकर आ रहे हैं