scriptजबलपुर में कोरोना का कहर, अब प्लाजमा थेरेपी से इलाज | Treatment of corona victims with plasma therapy in Jabalpur | Patrika News

जबलपुर में कोरोना का कहर, अब प्लाजमा थेरेपी से इलाज

locationजबलपुरPublished: Jul 30, 2020 06:42:47 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-मेडिकल में प्लाजमा डोनेशन शुरू

कोरोना का प्लाजमा थेरेपी से इलाज (प्रतीकात्मक फोटो)

कोरोना का प्लाजमा थेरेपी से इलाज (प्रतीकात्मक फोटो)

जबलपुर. कोरोना संक्रमण से कराह रहे जबलपुर में अब प्लाजमा थेरेपी से इलाज होगा। इसके लिए कोरोना को मात दे चुके लोगों से प्लाजमा डोनेट करने की पहल की गई है। मेडिकल कॉलेज में प्लाजमा डोनेशन शुरू भी हो गया है। कलेक्टर ने स्वस्थ हुए लोगों से मेडिकल पहुंचकर प्लाज्मा देने की अपील की है।
बता दें कि कोरोना से सर्वाधिक कराह रहे दिल्ली में सबसे पहले प्लाजमा थेरेपी शुरू की गई। इसके लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को मात देने वाले लोगों से अपील कर प्लाजमा बैंक बनाया। अब उसका असर है कि दिल्ली में रिकवरी रेट देश के औसत रिकवरी रेट से कई गुना ज्यादा है। उसके बाद से ही देश भर में जगह-जगह कोरोना का इलाज प्लाजमा थेरेपी से किया जा रहा है। इसी कड़ी में जबलपुर में भी यह पहल की गई है।
बता दें कि प्लाज्मा थेरेपी अथवा प्लास्माफेरेसिस ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कोरोना इंफेक्शन से ठीक हुए लोगों के खून (प्लाज्मा) से बीमार लोगों का इलाज किया जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए पीडि़त व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है जिससे वह भी कोरोना के संक्रमण को मात देकर स्वस्थ हो सकते हैं। प्लाज्मा थैरेपी का सफलतापूर्वक उपयोग पहले भी अन्य बीमारियों में किया जा चुका है। प्लाज्मा थैरेपी अन्य शहरों में कोरोना के गम्भीर मरीजों के उपचार में मददगार साबित हो रही है।
शहर में कोरोना के बढ़ते हुए गंभीर मामलों एवं मृत्युदर को देखते हुए यह बहुत आवश्यक है की प्लाज्मा थैरेपी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो। डीन डॉ. पीके कसार ने बताया कि प्लाज्मा डोनेट की प्रक्रिया में 30-45 मिनट का समय लगता है। एक व्यक्ति 2 हफ्ते में एक बार प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।
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